UP उपचुनाव 2018: फूलपुर चुनाव को लेकर सुऱक्षा के कड़े इंतजाम, CM योगी ने डाला वोट

संक्षेप:

उत्तर प्रदेश और बिहार में तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रविवार सुबह से वोटिंग शुरू हो गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सीट पर मतदान भी कर दिया है। उन्होंने अपना वोट डालने के बाद उम्मीद जताई कि यूपी में दोनों सीटें बीजेपी के खाते में आएंगी।

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर सीटों और बिहार में अररिया लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके अलावा बिहार में भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों के लिए भी आज ही मतदान हो रहा है।

प्रदेश की दो लोकसभा सीटों गोरखपुर और फूलपुर में उपचुनाव के लिए आज यानी रविवार को वोट डाले जा रहे हैं। मतदान को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गोरखपुर लोकसभा सीट पर सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मतदान होगा।

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गोरखपुर संसदीय सीट न सिर्फ बीजेपी के लिए बल्कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी साख की लड़ाई है। बता दें कि मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद गोरखपुर लोकसभा सीट से अपना इस्तीफा दे दिया था।

गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें  हैं। यहां उपचुनाव के लिए 970 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे. गोरखपुर में कुल 10 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन इस सीट पर कड़ा मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच ही माना जा रहा है।

गोरखुपर लोकसभा सीट पर उपचुनाव अपने आप में ऐतिहासिक है, क्योंकि इस उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी जैसी धुर विरोधी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ एक साथ खड़ी हो गई हैं। बीजेपी ने गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया है। उपेंद्र दत्त शुक्ला की पहचान पूर्वांचल में ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती है। उपेंद्र राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के करीबी हैं और बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी हैं।

बीजेपी बनाम सपा-बसपा गठबंधन

विधानसभा चुनाव में उपेंद्र दत्त शुक्ला का नाम सहजनवा विधानसभा क्षेत्र के लिए चर्चा में आया था लेकिन उनका टिकट कट गया. समाजवादी पार्टी ने उनके खिलाफ निषाद समुदाय से आने वाले पार्टी के नेता प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा है. बीएसपी ने इस उपचुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किए हैं. साथ ही समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को अपना समर्थन भी दिया है. ऐसे में लड़ाई सीधे-सीधे बीजेपी बनाम सपा-बसपा गठबंधन की हो सकती है। कांग्रेस फिलहाल किसी गठबंधन का हिस्सा बने अकेले इस उपचुनाव में लड़ रही है। कांग्रेस ने गोरखपुर से डॉ सुरहिता करीम को टिकट दिया है।

दरअसल फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव को सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश की आने वाले समय की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। सपा और बसपा के इस गठबंधन के इस टेस्ट का नतीजा 2019 के आम चुनाव में दोनों पार्टियों के गठबंधन के भविष्य पर फैसला सुनाएगा। साथ ही इस चुनाव को योगी आदित्यनाथ की सरकार और सूबे में उसके असर से भी सीधा-सीधा जोड़कर देखा जाएगा. जाहिर है इस चुनाव के कई मायने निकाले जाएंगे. इसलिए सपा और बसपा ने गोरखपुर में जातीय समीकरण को साधने की कोशिश की है. गोरखपुर के कुल 19.49 लाख मतदाताओं में निषाद वोटरों की संख्या करीब तीन लाख है. वहीं यादव मतदाताओं की संख्या 2 लाख से ज्यादा है। पिछड़ों और दलितों के वोटरों की संख्या जोड़ ली जाए तो बीजेपी को इस सीट पर कड़ी टक्कर मिल सकती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ 52 फ़ीसदी से ज्यादा वोट लेकर गोरखपुर से सांसद चुने गए थे।

संवेदनशील सीट होने की वजह से इस उपचुनाव के लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. उपचुनाव के लिए केंद्रीय पुलिसबलों समेत राज्य की पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है.

 

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