UPPSC भर्तियों की जांच के लिए सीबीआई की कई टीमें पहुंची इलाहाबाद, मचा हड़कंप

संक्षेप:

  • UPPSC की भर्तियों में धांधली का मामला
  • सीबीआई की कई टीमें पहुंची UPPSC ऑफिस
  • मचा हड़कंप

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच हुई भर्तियों में कथित धांधली की जांच कर रही सीबीआई की कई टीमें मंगलवार को यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर में दाखिल हुई।

सीबीआई की जांच टीमों के लोक सेवा आयोग पहुंचने से अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के जांच अधिकारी एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में लोक सेवा आयोग पहुंची। सीबीआई की जांच टीमें किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है।

गौरतलब है कि लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2015 भर्ती में मॉडरेशन और स्केलिंग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और धांधली सामने आने के बाद सीबीआई ने पांच मई को पहला केस भी रजिस्टर कर लिया है। सीसीबीआई ने 31 जनवरी 2018 से अखिलेश शासनकाल में हुई भर्तियों की जांच शुरू की है।

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सपा शासनकाल में कुल 584 भर्तियां हुई थीं। जिनकी जांच सीबीआई को सौंपी गई है। इनमें से 34 भर्तियों में आयोग ने लिखित परीक्षा करायी थी। जबकि 550 भर्तियां सीधी भर्ती यानि केवल साक्षात्कार के आधार पर की गई हैं।

आपको बता दें कि यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियों में धांधली को लेकर सीबीआई के पास अब तक 600 से अधिक शिकायतें पहुंच गयी है। जिन्हें सीबीआई ने दर्ज कर अपनी जांच में शामिल कर लिया है।

दरअसल दो महीने की जांच के बाद पिछले दिनों सीबीआई ने 2015 की पीसीएस भर्ती में धोखाधड़ी, आपराधिक साज़िश,भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में साफ लिखा है कि प्राथमिक जांच में भर्ती प्रक्रिया में खामी मिली हैं। भर्ती प्रक्रिया में मॉडरेशन, स्केलिंग,पेपर लीक, इंटरव्यू, जाति, धर्म,क्षेत्र के आधार पर शिकायतें मिली थीं।

इन्हीं शिकायतों के आधार पर जुलाई 2017 में योगी सरकार ने अखिलेश सरकार में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच कराने की केंद्र सरकार से संस्तुति की थी। 21 नवंबर 2017 को केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच पर मुहर लगाई और 24 जनवरी को सीबीआई ने जांच के लिए लखनऊ में पीई(प्राथमिक जांच) दर्ज कर जांच शुरू कर दी। बीते कुछ दिनों से सीबीआई ने यूपी लोक सेवा आयोग से भर्ती की डिटेल जुटाकर कई चयनित और आरोप लगाने वाले अभ्यर्थियों से पूछताछ की। इस दौरान आयोग ने सीबीआई जांच रुकवाने की पूरी कोशिश की लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी आयोग को कोई राहत नहीं मिली।

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