इलाहाबादः बेटी पैदा होने पर बहू को घर से निकाला

संक्षेप:

  • इलाहाबाद में बेटी पैदा होने पर बहू को घर से निकाल
  • महिला का पति मानसिक रुप से है विक्षिप्त
  • पुलिस ने नहीं किया मामला दर्ज

इलाहाबादः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी जहां बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दे रहे हैं। लेकिन समाज में आज भी लोग बेटी होने पर अभिश्राप ही समझते है। दरअसल, इलाहाबाद में बेटियों को जन्म देनी वाली एक मां के उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है।

यहां पर तीसरी बेटी के जन्म लेते ही। ससुरालियों ने विवाहिता को घर से बाहर निकाल दिया है। वहीं कई महीने के बाद महिला थाने में मुकदमा दर्ज होने पर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिससे पीड़ित महिला दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। तीन बेटियों को जन्म देने वाली महिला शमा बानो की दर्द की क्या है दास्तां। सीढ़ियों पर अपनी तीन मासूम बच्चियों को लेकर सिसकियां भर रही ये है शमा बानो। शमा बानो की सास, जेठ और देवर ने उसे घर से बेघर कर दिया है।

इसका कसूर सिर्फ इतना है कि इसने तीन-तीन बेटियों को जन्म दिया है। इलाहाबाद के करेली की रहने वाली शमा बानो की शादी करीब छह साल पहले फूलपुर तहसील के बाबूगंज में मोहम्मद फारुख के साथ हुई थी। शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा है। लेकिन इस बीच पति की मानसिक स्थिति खराब हो गई। जिसके बाद ससुरालियों का शमा के उपर अत्याचार शुरु हो गया। शमा बानो की मानें तो तीन-तीन बेटियों को जन्म देने की वजह से ससुराली उसे तरह तरह से प्रताड़ित करते हैं। इसके साथ ही कई बार उसके साथ उन्होंने मारपीट भी की है।

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ससुरालियों के जुल्म से तंग आकर शमा बानो ने कई बार पुलिस की मदद के लिए 100 नम्बर पर फोन भी किया। लेकिन कोई खास मदद नहीं मिली। जिसके बाद 21 जून को महिला थाने में ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शमा की तीन बेटियों में एक बेटी गूंगी भी है। घर से बेघर हुई शमा के सिर पर तीन अबोध बच्चियों के पालने की भी जिम्मेदारी है।

वहीं तीन-तीन बेटियों को जन्म देने की वजह से प्रताड़ना झेल रही शमा को न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट के अधिवक्ता आनन्द कुमार आगे आये है। उनका कहना है कि आज भी हमारे समाज में बेटों और बेटियों में फर्क किया जाता है जो कि चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा है कि सभी लोगों को मिलकर समाज में फैली ऐसी बुराइयों को दूर करने के लिए आगे आना चाहिए।

जबकि तीन बेटियों को जन्म देने की वजह से बेघर की गई शमा बानो के मामले को लेकर जिलाधिकारी ने संवेदनशीलता दिखायी है। उन्होंने पूरे मामले की वरिष्ठ अधिकारी से जांच के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।

भले ही समाज ने बहुत तरक्की कर ली है और हम सभ्य समाज में रहने का दावा करते हैं, लेकिन आज भी हमारे समाज में कई ऐसी बुराईयां और कुरीतियां ब्याप्त है। जिनका खामियाजा आधी आबादी को भुगतना पड़ रहा है। जरुरत है ऐसी बुराईयों को खत्म करने के लिए बड़े जनआन्दोलन की, ताकि किसी भी महिला को बेटी को जन्म देने पर इस तरह का तिरस्कार न झेलना पड़े।

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