'कृष्ण मृग केंद्र' बनेगा इलाहाबाद का पहला ईको टूरिज्म हब

संक्षेप:

  • इलाहाबाद का पहला ईको टूरिज्म हब बनेगा कृष्ण मृग केंद्र
  • चार करोड़ से ज्यादा रुपये होंगे खर्च
  • उच्च स्तरीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव

 

इलाहाबाद: इलाहाबाद के चांद खमरियां और महुली कला ग्राम को प्रदेश सरकार ईको टूरिज्म हब बनाने के लिए प्रयासरत है। यहां प्रदेश का सबसे बड़ा कृष्ण मृग केंद्र (काला हिरन केंद्र) स्थापित करने की तैयारी गत वर्ष बनाई गई थी। चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर इस मृग केंद्र में विश्रम गृह, चरागाह सहित अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस केंद्र में उच्च स्तरीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गए हैं।

कुंभ मेला के पूर्व मेजा ब्लाक में चांद खमरिया और महुली कला ग्राम को पौराणिक महत्व के दृष्टिकोण से इको टूरिज्म से जोड़ने की तैयारी है। वर्ष 2017 में इस केंद्र के कायाकल्प के लिए कार्य शुरू किया गया और अलग-अलग कामों में दो करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। दोनों ग्राम पंचायतों में वन विभाग ने 126.123 हेक्टेयर भूमि ली थी। इस जमीन में ग्राम समाज की भूमि भी शामिल रही है।

अब तक इस केंद्र में वाच टावर का निर्माण, एप्रोच रोड निर्माण, पंप हाउस, सोलर पंप, वाटर होल का निर्माण, नलकूप निर्माण आदि कार्य हो चुके हैं। वन विभाग ने शासन को नए सिरे से जो प्रस्ताव भेजा है उसमे चार करोड़ से अधिक का कार्य होना है।

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नए कार्य में कच्चे मार्ग का निर्माण, चरागाह निर्माण, विश्रम गृह एवं गेट का निर्माण किया जाना है। यह कार्य एनटीपीसी द्वारा कराए जाएंगे। डीएफओ दिव्या ने बताया कि प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उक्त केंद्र को बेहतर बनाने के लिए प्रयास तेज किए जा चुके हैं।

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