एमनेस्टी रिपोर्ट: हेट क्राइम के मामले में यूपी पहले नंबर पर

संक्षेप:

  • एमनेस्टी की रिपोर्ट जारी
  • हेट क्राइम में टॉप पर UP
  • नंबर 2 पर है गुजरात

देशभर में हो रहे सांप्रदायिक तनावों, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या (मॉब लिंचिंग) और हेट क्राइम को रोकने की तमाम कोशिशों के बीच अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट जारी की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को `नफरत की आग` फैलाने में नंबर वन बताया गया है. जबकि, गुजरात दूसरे नंबर पर है. एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2018 के पहले 6 महीनों में 100 हेट क्राइम दर्ज किए गए. इसमें ज्यादातर शिकार दलित, आदिवासी, जातीय और धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग और ट्रांसजेंडर बने हैं.

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, हेट क्राइम में अब तक कुल 18 घटनाओं के साथ यूपी टॉप पर है. इसके बाद 13 घटनाओं के साथ गुजरात दूसरे नंबर पर, 8 घटनाओं के साथ राजस्थान तीसरे नंबर पर है. वहीं, हेट क्राइम की 7-7 घटनाओं के साथ तमिलनाडु और बिहार संयुक्त रूप से चौथे नंबर पर है.

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के पहले 6 महीनों में `हेट क्राइम` के कुल 67 मामले वंचित-शोषित समाज के खिलाफ और अल्पसंख्यकों के खिलाफ 22 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें से ज्यादातर केस गाय और ऑनर किलिंग से संबंधित हैं. उत्तर प्रदेश में भी सबसे अधिक मामले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं.

आपको बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट ऐसे वक्त पर आई है, जब शनिवार को कर्नाटक के बीदर जिले में भीड़ ने बच्चा चोरी की अफवाह पर एक 32 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान ले ली. भीड़ ने उसके तीन दोस्तों की भी जमकर पिटाई की. तीन घायलों में से एक की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है.

पुलिस ने बीदर में हुई इस मॉब लिंचिंग मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसमें उस Whatsapp ग्रुप का ग्रुप एडमिन भी शामिल है, जिसके ग्रुप में इस अफवाह को फैलाया गया था.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles