जानिए क्या दांत टूटने और मेकअप करने से नहीं होता रोजा?

संक्षेप:

  • चल रहा है रमजान का पाक महीना
  • दांत से खून निकलने की परिस्थिति में टूट जाता है रोज़ा
  • जानिए क्या मेकअप करने से टूट जाता है रोजा

रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है. इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं. रमजान के महीने में कई बातों की मनाही होती है जिसे करने पर गुनाह होता है.

अगर आप रोज़े के दौरान आप अपना दांत निकलवाते हैं और आपके दांत से खून निकलता है तो आपका रोज़ा कबूला नहीं होता. जी हाँ, दांत से खून निकलने की परिस्थिति में रोज़ा टूट जाता है.

रोज़े के दौरान यह भी कहा जाता है कि अपनी आवाज पर संयम रखो और ज्यादा तेज ना हंसो. रोज़ा रमज़ान में सबसे पवित्र माना जाता हैं और अगर रोज़े के दौरान आपके दांत से खून आता है या फिर वह टूट जाता है तो रोज़ा भी टूट जाता है और कबूला नहीं होता.

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वहीं क्या महिलाओं के मेकअप करने से रोजा टूट जाता है. इस विषय पर खलीज टाइम्स डॉट कॉम में एक सवाल जवाब प्रकाशित किया गया है. सवाल पूछा गया था कि क्या मेकअप से रोज़ा टूट जाता है? क्या लिपस्टिक लगाने से रोज़ा टूट जाता है या इस से सिर्फ रोज़ा मकरूह (नापसन्दीदाह) होता है? दुबई में इस्लामी उमूर और चैरिटी गतिविधियों के विभाग के मुफ़्ती आज़म ने अपने जवाब में कहा कि सजने-संवारने की चीजों से रोज़ा नहीं टूटता है क्योंकि वे पेट के अंदर नहीं जाती है.

मुफ्ती आज़म आगे कहते हैं कि मुस्लिम महिलाओं के लिए उनसे बचना बेहतर है, क्योंकि उनके उपयोग से दूसरे लोग इन महिलाओं की जानिब आकर्षित हो सकते हैं और इस से यौन इच्छा पैदा हो सकती है. इसलिए उन्हें उन चीजों के उपयोग से बचना चाहिए जिन के प्रयोग से यौन इच्छा पैदा होती हों. इस वजह से एक मुसलमान को रमजान में इत्र या सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करने से बचना चाहिए.

वहीं मालेगांव के जामिआ मोहम्मदिया मंसूरह के टीचर मौलाना अजमल मंज़ूर मदनी से इस के बारे में पूछा तो उन्होंने भी वही कहा जो दुबई के मुफ्ती आज़म ने कहा. हालांकि, उन्होंने आगे बढ़कर कहा कि सजने-संवारने के उत्पादों के उपयोग से हमेशा ही बचना चाहिए, लेकिन रमजान के महीने के दौरान इस पर सख्ती से अमल किया जाना चाहिए. मौलाना मदनी ने कहा कि इन उत्पादों के बनाने के बारे में संदेह पाए जाते हैं. इसलिए संदेह के आधार पर उनके उपयोग पर भी विचार किया जाना चाहिए.

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