Ramzan 2018: अंतिम रोजा आज या कल, जानिए कब होगी ईद?

संक्षेप:

  • अंतिम दौर में है रमजान का पाक महीना
  • जानिए कब होगी ईद?
  • 17 मई से शुरू हुआ था रमजान का महीना

रमजान का पाक महीना रुखसत होने वाला है। इस मुकद्दस महीने के खत्म होते ही ईद मनाई आती है। इस दौरान चांद का दीदार करने को लिए लोगों में काफी उत्सुकता रहती है। यहां पर हम आपको बता दें कि आज यानि बृहस्पतिवार को चांद दिखाई देता है तो शुक्रवार को ईद मनाई जाएगी। नहीं तो ईद की नमाज शनिवार को होगी।

गौरतलब है कि रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग एक माह तक रोजे रखते हैं जिसके बाद ईद का पावन पर्व मनाते हैं। आखिरी रोजे के दिन चांद का दीदार कर ईद का पर्व मनाया जाता है। इस बार आखिरी रोजा 15 जून हो सकता है, यह चांद निकलने पर निर्भर करता है। इस साल रमजान का महीना 17 मई से शुरू हुआ था जो 15 या 16 जून को ईद के बाद खत्म होगा।

रमजान का महीना बड़ी खुशी के साथ मनाया जाता है। मुस्लिम ईद के दिन नमाज अता करते हैं और उसके बाद एक—दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते है।

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रमजान में मुस्लिम एक महीने रोजे रखते हैं और अल्लाह से खुशियों की दुआ करते हैं। आखिरी रमजान के बाद मुस्लिम फितरा और जकात देकर गरीबों की मदद करते है। ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन सेवइयां और खीर बनाई जाती है। जिसे मुस्लिम भाई पूरे दिन खुशी से खाते है। ईद के दिन लोग करीबियों को बुलाकर खीर व सेवइयां खिलाते हैं।

मुस्लिम लोग रमजान के आखिरी अरसे से ही तैयारी करना शुरू कर देते है। ईद के दिन नए कपड़े पहनकर नमाज अता करते हैं और एक-दूसरे को गले लगाकर सब गिले शिकवे दूर करके ईद की बधाई देते हैं। माना जाता है रमजान के महीने में ही कुरआन शरीफ का धरती पर अवतार हुआ था। इसलिए इस महीने सबसे ज्यादा कुरआन शरीफ पढ़ी जाती है। मुस्लिम रमजान के पाक महीने में इबादत करते है।

इस महीने में मुस्लिम लोग रोजे रखकर इबादत करके नेकी कमाते हैं। रमजान के दौरान रोजेदार को झूठ बोलने और बुरे कामों से बचना चाहिए। उन्हें रमजान के दौरान किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए और न ही लड़ाई झगड़ा करना चाहिए। इस्लामिक पैगंबरों के मुताबिक जो लोग ये बातें मानते हैं उन्‍हें अल्लाह की रहमत मिलती है।

इस्लाम में खुदा की इबादत के लिए रमजान का महीना सबसे पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि रमजान के महीने की 27वीं रात (शब-ए-कद्र) को कुरआन का अवतरण हुआ था। इसलिए इस महीने कुरआन पढ़ने का विशेष महत्व है। रमजान के महीने को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने मुस्लिम अपनी हैसियत के हिसाब से गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं। रमजान के दौरान खास दुआएं पढ़ी जाती हैं। दुआ करने का समय हर दिन अलग-अलग होता है।

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