इलाहाबाद में माघ मेले की शुरुआत, श्रद्धालुओं ने किया स्नान
- संगम नगरी में माघ मेला की शुरुआत
- श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
- कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालु कर रहे स्नान
इलाहाबाद: इलाहाबाद में माघ मेले की शुरुआत मंगलवार को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ हुई। 14 से 15 डिग्री सेल्सियस की कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालुओं ने संगम तट पर स्नान किया।
मेले में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु सगमनगरी पहुंचे हुए है। ये श्रद्धालु यहाँ मोक्षदायिनी गंगा में स्नान के साथ ही दान-पुण्य कर मोक्ष की कामना कर रहे हैं।
पौराणिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन से ही सभी तैंतीस करोड़ देवी-देवता भी संगम की रेती पर आकर एक महीने के लिए अदृश्य रूप से यहाँ विराजमान हो जाते हैं। इसके साथ ही आज से एक महीने का कल्पवास भी शुरू हो गया है। ऐसी मान्यता है कि कल्पवास करने के लिए 33 करोड़ देवी-देवता भी आते हैं और कल्पवास करने वालों किसी न किसी रूप में दर्कोशन देते हैं।
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महानिर्वाणी अखाड़े के महंत स्वामी नित्यानन्द गिरी के मुताबिक, कल्पवास करने वाले मानव को जीते जी मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति को फिर किसी तीर्थ जाने की जरूरत नहीं होती।
इस बार माघ मेले के हर प्रमुख स्नान को अगले साल 2019 में लगने वाले कुम्भ मेले के रिहर्सल के रूप में देखा जा रहा है। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किये हैं। प्रशासन द्वारा इस बार मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 12 थाने, 34 पुलिस चौकी, 4 हजार पुलिस, खुफिया एजेंसियां, आरएएफ, बीडीएस, डॉग स्क्वॉड, 12 फायर स्टेशन की टीम लगीं है।
माघ मेला क्षेत्र की महत्वपूर्ण बातें...
- 5 लाख कल्पवासी मेला क्षेत्र में एक महीने रहेंगे।
- 18 घाट स्नान के लिए बनाए गए हैं।
- मेला के 6 प्रमुख स्नान पर्व हैं।
- 5 पांटून पुलों की कुल संख्या है।
इस बार माघ मेले में मौनी अमावस्या पर दूसरी बार 13 मान्य अखाड़ों के साथ किन्नर अखाड़े के सारे सदस्य भी संगम में स्नान करेंगे। किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी पौष पूर्णिमा के बाद माघ मेला क्षेत्र में पदार्पण करेंगे।
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