अर्धकुंभ मेला: प्रयाग राज मेला प्राधिकरण को लेकर संत नाराज
- प्रयाग राज मेला प्राधिकरण को लेकर साधु-संतों ने जताई नाराजगी
- नरेन्द्र गिरी बोले- मेला प्राधिकरण में संतों को शामिल न किया जाना समझ से परे
- संतों को शामिल करने की नरेन्द्र गिरी ने की मांग
इलाहाबाद: तीर्थराज प्रयाग में आयोजित होने वाले कुम्भ और महाकुम्भ के सफल आयोजन के लिए सीएम योगी की घोषणा पर अमल करते हुए राज्य सरकार की ओर गठित किए गए प्रयाग राज मेला प्राधिकरण को लेकर साधु-संतों ने अपनी नाराजगी जतायी है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने प्रयाग राज मेला प्राधिकरण में साधु-सन्तों को शामिल न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कुम्भ मेला साधु-सन्तों का है लेकिन साधु-सन्तों को ही मेला प्राधिकरण में शामिल न किया जाना समझ से परे है।
उन्होंने साधु-सन्तों को प्राधिकरण में शामिल न किए जाने पर मेले के बजट में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी होने की भी आशंका जतायी है। साथ ही उन्होंने प्रयाग राज मेला प्राधिकरण के ऊपर साधु-सन्तों की एक निगरानी कमेटी के गठन की भी मांग की है।
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उन्होंने कहा है कि निगरानी कमेटी का अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का पदेन अध्यक्ष को बनाया जाना चाहिए। जबकि सभी अखाड़ों के संतों, प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष, दण्डी स्वामियों और प्रयाग के संतों को भी निगरानी कमेटी में शामिल किया जाने चाहिए।
उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर 29 दिसम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में साधु संत चर्चा करेंगे और निगरानी कमेटी को लेकर प्रस्ताव भी पास करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि इस प्रस्ताव को सीएम योगी के समक्ष रखा जायेगा।
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