प्रयागराज में निषादों की नावों को तोड़ने का मामला, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुस्से को देखते हुए किया ये काम

संक्षेप:

बसवार गांव पहुंचे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने चौपाल लगाकर पहले निषादों की समस्याएं सुनीं. उसके बाद निषादों के गुस्से और आक्रोश को देखते हुए कहा कि आपके साथ जो कुछ हुआ उसकी नाराजगी जायज है. लेकिन मैं मोदी जी और योगी जी का संदेश लेकर आपके बीच आया हूं.

प्रयागराज। प्रयागराज में यमुनापार के घूरपुर थाना क्षेत्र के बसवार गांव (Baswar Village) में निषादों की नावें तोड़े जाने को लेकर मचे बवंडर को शांत कराने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) के निर्देश पर राज्य प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Siddharthnath Singh) भी शनिवार को बसवार गांव पहुंचे.

बसवार गांव पहुंचे सिद्धार्थ नाथ सिंह ने चौपाल लगाकर पहले निषादों की समस्याएं सुनीं. उसके बाद निषादों के गुस्से और आक्रोश को देखते हुए कहा कि आपके साथ जो कुछ हुआ उसकी नाराजगी जायज है. लेकिन मैं मोदी जी और योगी जी का संदेश लेकर आपके बीच आया हूं.

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि 10 दिन में मजिस्ट्रेट अपनी जांच पूरी करेंगे. जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी.

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मौके पर मौजूद एडीजी प्रेम प्रकाश को कैबिनेट मंत्री ने निर्देश दिया कि इस मामले में जिन पुलिसकर्मियों के नाम सामने आ रहे हैं उन्हें तत्काल लाइन हाजिर करें. इसके साथ ही अवैध खनन को लेकर कई निषादों के उपर दर्ज मुकदमे भी वापस लेने की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है.

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि खनन माफियाओं को भी चिन्हित कर लिस्ट तैयार की जाएगी. जिसके बाद उनके खिलाफ भी सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. वहीं प्रियंका गांधी के बसवार गांव के दौरे को लेकर भी राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि निषादों को आज जो परेशानी हो रही है उसके लिए एनजीटी ही जिम्मेदार है. एनजीटी यूपीए की सरकार में ही मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने ही लागू कराया था. यूपी सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ रही है.

इस मौके पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि निषादों की आजीविका के लिए सरकार कई दूसरी योजनाएं भी चला रही है.‌ इन योजनाओं का भी लाभ निषादों को मिले। इसके लिए जल्द ही इलाके में मत्स्य विभाग के अधिकारी कैंप लगाकर लोगों को जानकारी देंगे और ट्रेनिंग भी कराएंगे.

कैबिनेट मंत्री ने मौके पर ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि बसवार गांव तक पहुंचने वाली रोड का भी जल्द निर्माण कराएं, इस मौके पर पुलिस द्वारा तोड़ी गई 9 नावों की मरम्मत होने पर उनके स्वामियों को कैबिनेट मंत्री ने नावें सौंपी है. उन्होंने कहा है कि जल्द दूसरी नावें की भी मरम्मत कराकर नाविकों को सौंप दी जाएंगी.

वहीं इस मौके पर इलाहाबाद संसदीय सीट से बीजेपी सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद रही. उन्होंने भी नाविकों की हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया है. हालांकि कैबिनेट मंत्री द्वारा मजिस्ट्रेट जांच के दिए गए आदेश और स्वरोजगार के लिए दिए गए भाषण से महिलाएं ज्यादा संतुष्ट नजर नहीं आई. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी दूसरे रोजगार की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें नदियों और खनन पर अपना अधिकार वापस चाहिए. गौरतलब है कि 4 फरवरी को अवैध खनन की सूचना पर पुलिस, राजस्व और खनन विभाग की टीमों ने बसवार गांव में छापेमारी की थी. इस दौरान पुलिस की नाविकों से झड़प हो गई थी.

जिसके बाद नविकों का आरोप है कि पुलिस ने नाविकों के साथ ही महिलाओं को भी पीटा था और जेसीबी मशीनों से 16 नावें क्षतिग्रस्त कर दी थी. जिसको लेकर ही घूरपुर का बसवार गांव राजनीतिक दलों के लिए सियासी अखाड़ा बना हुआ है. सभी दल निषाद समुदाय के वोट बैंक साधने की कोशिशों में जुटे हैं तो वहीं भाजपा भी अब डैमेज कंट्रोल करने के लिए पार्टी के कद्दावर नेता और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह को बसवार गांव भेजा है.

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