30 नवंबर को हो सकता है राजा भैया की पार्टी का ऐलान

संक्षेप:

  • राजा भैया ने अपनी पार्टी को लेकर तोड़ी चुप्पी
  • 30 नवंबर को करेंगे नई पार्टी की घोषणा
  • `जनसत्ता` नाम से हो सकती है पार्टी !

इलाहाबाद:  कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपने नई पार्टी के गठन को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. राजा भैया ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि पार्टी की औपचारिक घोषण आगामी 30 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली के दौरान की जाएगी.

सूत्रों के अनुसार `जनसत्ता` नाम से राजा भैया की नई पार्टी हो सकती है. पूर्व मंत्री और बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के अपने विधानसभा क्षेत्र कुंडा पहुंचने पर बधाई देने वालो का तांता लग गया. सैकड़ों की संख्या में बेंती राजमहल पहुंचे समर्थकों ने राजा भैया को बधाई देने के साथ-साथ शुभकामनाएं भी दी. समर्थकों का उत्साह देखते हुए राजा भैया ने अपनी चुप्पी तोड़ी और नई पार्टी के गठन पर चल रहे उहापोह की स्थिति पर विराम लगा दिया.

राजा भैया ने कहा कि जनता और समर्थक चाहते थे कि वह नई पार्टी बनाए. राजा भैया ने कहा कि जनता और समर्थकों की कृपा से वह छह बार निर्दलीय विधायक रहे हैं और विधानसभा में उनके 25 साल पूरे होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे में लगभग 80 प्रतिशत समर्थक नई पार्टी बनाने के पक्ष में हैं. इसलिए उनके इस निर्णय का सम्मान करते हुए उन्होंने कदम आगे बढ़ाया है.

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राजा भैया ने कहा कि आगे जो भी प्रक्रिया होगी वह सूचित करेंगे. राजा भैया ने बताया कि पार्टी की औपचारिक घोषण आगामी 30 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली के दौरान की जाएगी. हालांकि राजा भैया ने पार्टी के नाम के बारे में कोई बयान नहीं दिया. उनका तर्क था कि जब तक आयोग की कार्यवाई पूरी नहीं हो जाती है तब तक नाम बताना ठीक नहीं है.

दरअसल, पिछले कई महीनों से राजा भैया के समर्थकों ने नई पार्टी बनाने के लिए देश और विदेश में ऑनलाइन सर्वे कराया था. जिसमें 80 प्रतिशत समर्थकों ने राजा भैया को नई पार्टी गठन करने के पक्ष में मतदान किया था. समर्थकों के उत्साह और मिल रहे जन समर्थन को देखते हुए राजा भैया ने चुनाव आयोग में नई पार्टी का गठन करने हेतु आवेदन कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी का नाम `जनसत्ता` होगा, जिसके सहारे राजा भैया सत्ता के शिखर पर पहुंचने का प्रयास करेंगे.

यूपी के राजनीतिक गलियारों में राजा भैया के नई पार्टी गठन के पीछे अखिलेश से दूरी और भाजपा में ज्यादा तवज्जो न मिलना बताया जा रहा है, क्योंकि सरकार चाहे जिसकी हो राजा भैया सभी सरकारों में मंत्री थे और लगातार कुंडा से निर्दलीय विधायक होने के साथ-साथ विगत 25 वर्षों से चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत रहे हैं.

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