सीबीडीटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, आधे से ज्‍यादा डॉक्टर और सीएम नहीं दे रहे टैक्‍स

संक्षेप:

  • सीबीडीटी की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
  • सीए और डॉक्टर नहीं दे रहे टैक्‍स
  • वकील भी पीछे नहीं

पिछले चार साल में अलग-अलग कैटेगरी के ऐसे करदाताओं की संख्या 60 प्रतिशत बढ़कर 1.40 लाख हो गई है. लेकिन इसमें सभी पेशेवर ईमानदारी से अपने कर की भुगतान कर रहे हैं ऐसा नहीं है.

देश में सबसे ज्यादा वेतनभोगी वर्ग टैक्स का भुगतान कर रहा है.लेकिन सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि देश के आधे से ज्यादा डॉक्टर, इंजीनियर और सीए, वकील टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं.

आंकड़ों के मुताबिक 10 में से 5 डॉक्टरों ने साल 2017-18 में अपने कर का भुगतान नहीं किया. यानी 50 प्रतिशत डॉक्टर ने टैक्स नहीं चुकाया. देश में 4,21,920 मेडिकल पेशेवर करदाताओं की सूची में सूचीबद्ध हैं, जबकि, देश में डॉक्टरों की संख्या 9 लाख से भी अधिक है. 

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


वहीं, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की बात करें तो उनकी भी संख्या आधी है जो टैक्स देते हैं. नंबर की बात करें तो केवल 1,03,049 सीए हैं जो टैक्स चुकाते हैं, जबकि इनकी संख्या करीब दोगुनी है.

जबकि वकीलों के मामले में तो आंकड़ा और चौंकाने वाली है. देश में कुल 13 लाख वकील है जिसमें से 2.6 लाख ही अपने टैक्स का भुगतान करते हैं, जबकि 75 प्रतिशत वकील इनकम टैक्स नहीं देते हैं.

रिपोर्ट में यह बात सामने आया है कि 3 साल में वेतनभोगी करदाताओं की संख्या 1.70 करोड़ से बढ़कर 2.33 करोड़ हो गई है. मतलब 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि गैर-वेतनभोगी करदाताओं की संख्या इससे कम है.

इसके साथ ही सीबीडीटी के रिपोर्ट के अनुसार एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या पिछले तीन साल में 68 प्रतिशत बढ़ी है. सीबीडीटी ने कहा, ‘एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले कुल करदाताओं (कंपनियों, फर्में, हिंदू अविभाजित परिवार) की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.`

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles