यूपी बोर्ड में लागू होने जा रहा NCERT का पाठ्यक्रम

संक्षेप:

  • उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में बदलाव
  • 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम होगा लागू
  • पहले चरण में 18 विषयों की 31 पाठ्य पुस्तकें की जाएगी लागू

इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का पाठ्यक्रम अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। नये शैक्षणिक सत्र में नये कलेवर में नजर आयेगा। यूपी बोर्ड नवीं से लेकर 12वीं कक्षा में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा है।

पहले चरण में 18 विषयों की 31 पाठ्य पुस्तकें लागू की जानी हैं। कुछ पाठ्य पुस्तकें प्रकाशन के बाद यूपी बोर्ड के मुख्यालय पहुंच भी गई हैं। जबकि मार्च माह के अन्त तक सभी पाठ्य पुस्तकें प्रकाशन के बाद छात्र-छात्राओं के लिए बाजार में उपलब्ध हो सकेंगी।

प्रतियोगी परीक्षाओं में सीबीएसई और अन्य बोर्डों के छात्र-छात्राओं से पिछड़ रहे यूपी बोर्ड के बच्चों की शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए यूपी बोर्ड ने अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकें लागू करने का अहम फैसला लिया है।

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नौंवी से लेकर बारहवीं तक यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं की संख्या के मुताबिक सात करोड़ से ज्यादा पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसमें नौंवी कक्षा में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान और दसवीं कक्षा में गणित विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही 11वीं कक्षा में इतिहास, भूगोल,अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, समाजशास्त्र, गणित , जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान विषयों में एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। जबकि बारहवीं में गणित, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान की पाठ्य पुस्तकें एनसीईआरटी की लागू की जा रही हैं।

यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक नये सत्र से लागू हो रहे एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में कई नये विषयवस्तु जोड़े गये हैं। इसके साथ ही विषय की गुणवत्ता को भी और बेहतर बनाया गया है। उनके मुताबिक चूंकि इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षायें भी एनसीईआरटी के पैटर्न पर आयोजित होती हैं। लिहाजा नये पाठ्यक्रम लागू होने से निश्चित तौर पर छात्र-छात्राओं को बारहवीं के बाद होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इसका लाभ भी मिलेगा।

बहरहाल, अप्रैल से लागू हो रहे एनसीईआरटी के नये पाठ्यक्रम को लेकर जहां यूपी बोर्ड भी बेहद उत्साहित नजर आ रहा है। वहीं यूपी बोर्ड ने एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों की पाइरेसी रोकने और उसकी गुणवत्ता बनाये रखने को लेकर भी खास निर्देश जारी किए हैं। 

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