पीसीएस मेंस परीक्षा: अभ्यर्थियों ने रात में भी किया हंगामा, हिरासत में ली गई रिचा सिंह

संक्षेप:

  • पीसीएस मेंस 2017 की परीक्षा का मामला
  • हिंदी की जगह बंटा निबंध का पेपर
  • बस को किया आग के हवाले

इलाहाबाद: मंगलवार को यूपी लोक सेवा आयोग की पीसीएस मेंस की परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई जब इलाहाबाद में एक सेंटर पर प्रथम पाली में हिंदी की जगह निबंध का पेपर बांट दिया गया। जिसके बाद दोनों पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई। इस बात से नाराज अभ्यर्थियों ने आयोग के हेडक्वार्टर पर जमकर हंगामा किया और एक बस को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस और पीएसी की मौजूदगी के बावजूद रोडवेज की यह बस कमीशन गेट पर जलकर राख हो गई। इस मौके पर पुलिस ने लाठियां पटककर हंगामा कर रहे अभ्यर्थियों को वहां से हटाया। पुलिस ने दोपहर से ही चल रहे आंदोलन की अगुवाई करने वाले तकरीबन दर्जन भर छात्र नेताओं को गिरफ्तार भी कर लिया है। हिंसा और आगजनी की घटना के बाद इलाहाबाद में सुरक्षा के इंतजाम और कड़े कर दिए गए हैं।

लोक सेवा आयोग चौराहे पर पीसीएस मेन्स परीक्षार्थियों के समर्थन में धरना देने पहुंची इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और सपा की प्रदेश प्रवक्ता रिचा सिंह को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एसएसपी नितिन तिवारी ने कहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस एक बार फिर से पूछताछ करेगी और बस में आग लगाने वालों की वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान कर कार्रवाई भी करेगी। 

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गलत पेपर बंटने और पेपर लीक होने से यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। अखिलेश सरकार में कमीशन से पांच सालों में हुई भर्तियों की जांच पिछले पांच महीने से देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई कर रही है। अब योगी सरकार में भी पेपर लीक जैसे मामले सामने आ रहे हैं, जो समूची व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हैं।

यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन की लिखित मुख्य परीक्षाएं अठारह जून से यूपी के दो शहरों लखनऊ और इलाहाबाद में शुरू हुई हैं। परीक्षा के लिए इलाहाबाद में सत्रह और लखनऊ में ग्यारह सेंटर बनाए गए थे। लिखित परीक्षा के लिए तकरीबन पंद्रह हजार लोगों को एडमिट कार्ड जारी किया गया था। पहले दिन साढ़े तेरह सौ अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी।

इस लापरवाही को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि प्रदेश सरकारें प्रतियोगी परीक्षा कराने में लगातार असफल साबित हो रही हैं। कहीं पेपर लीक तो कहीं अव्यवस्था। ऐसे में दिन-रात मेहनत करने वाले छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

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