इलाहाबाद में राम मंदिर के लिए साधु-संतों ने किया हवन

संक्षेप:

  • राम मंदिर के लिए साधु-सन्तों ने की पूजा-अर्चना
  • जल्द ही विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर का शुरू होगा निर्माण
  • अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

इलाहाबाद: आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले संगम नगरी इलाहाबाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की अगुवाई में साधु-सन्तों ने पूजा-अर्चना की और राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने की भी कामना की।

इस मौके पर साधु-संतों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और हवन पूजन कर अयोध्या विवाद का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने के लिए राम भक्त हनुमान से प्रार्थना की।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी के मुताबिक भगवान राम के सभी कार्य हनुमान जी पूरा करते हैं। इसलिए बड़े हनुमान मंदिर में अयोध्या विवाद की सुनवाई से पहले विशेष पूजा अर्चना की गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट फैसला राम मंदिर के पक्ष में ही आयेगा और जल्द ही विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू होगा।

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उन्होंने कहा है कि साधु-सन्तों को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। इसके साथ ही भगवान राम और हनुमान जी के प्रति भी पूरी आस्था और श्रद्धा है।

आपको बता दें कि अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि अनुवाद का काम पूरा नहीं होने की वजह से सुनवाई टल गई। अब 14 मार्च को अगली सुनवाई है। कोर्ट ने सभी पक्षों को दस्‍तावेज जमा करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबसे पहले मुख्‍य याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनी जाएंगी। बाद में अन्‍य याचिकाकर्ताओं पर सुनवाई होगी। इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा हैं।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि इसे भूमि विवाद के तौर पर देखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि भावनात्मक और राजनीतिक दलीलें नहीं सुनी जाएंगी। यह केवल कानूनी मामला है। 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं का ध्‍यान रखने की दलील दी गई थी। कोर्ट में 87 सबूतों को जमा किया गया है। इसमें रामायण और गीता भी शामिल है। कोर्ट ने कहा कि इनके अंशों का अनुवाद किया जाए। यह भी स्‍पष्‍ट किया कि राम मंदिर पक्ष से अब कोई नया पक्ष नहीं जुड़ेगा। जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उनका नाम हटाया जा रहा है।

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