हरे पेड़ काटे जाने के खिलाफ इलाहाबाद में प्रदर्शन, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

संक्षेप:

  • जोर शोर से चल रही है कुंभ की तैयारियां
  • काटे जा रहे पेड़
  • हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

इलाहाबाद: संगम नगरी इलाहाबाद में जनवरी 2019 में लगने जा रहे कुम्भ को लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही है। इसी को देखते हुए सड़क किनारे खड़े हरे-भरे पेड़ों के अंधाधुंध कटान के विरोध में बुधवार को दर्जनों लॉ इन्टर्न और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुभाष चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया।

हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ों के अवैध कटान पर रोक लगाये जाने की मांग की है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता के.के.राय ने आरोप लगाया है कि इलाहाबाद के इतिहास में पहली बार हजारों पेड़ों को सड़क और चौराहों के चौड़ीकरण के नाम पर काटा जा रहा है।

उन्होंने इसे पर्यावरण के साथ क्रूर मजाक करार देते हुए इस पर तत्काल रोक लगाये जाने की मांग की है। वहीं इस मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिये जाने का भी लोगों ने स्वागत किया है। दरअसल इलाहाबाद में पेड़ों के अवैध कटान का जस्टिस पी के एस बघेल और जस्टिस राजीव जोशी की खण्डपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्र, राज्य सरकार, प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, नगर निगम इलाहाबाद और इलाहाबाद विकास प्राधिकरण से जवाब तलब किया है।

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इसके साथ ही बगैर जिलाधिकारी की अनुमति से पेड़ों के काटे जाने पर भी कोर्ट ने रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को हाईकोर्ट में होगी। इलाहाबाद में सड़कों और चौराहों के चौड़ीकरण के नाम पर हजारों हरे भरे पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। जबकि विदेशों में सालों पुराने पेड़ों को काटने के बजाय दूसरी जगह रोपित किए जाने की व्यवस्था है। 

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