संगम तट पर रामनाथ कोविंद ने की पूजा, राजेंद्र प्रसाद के बाद कुंभ जाने वाले बने दूसरे राष्ट्रपति

संक्षेप:

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी  के साथ कुंभ मेले में पहुंचे
  • रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुंभ आस्था का चुम्बक है
  • राष्ट्रपति कोविंद कुंभ आने वाले देश के दूसरे राष्ट्रपति हैं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल यानि कि 17 जनवरी को पत्नी सविता कोविंद के साथ प्रयागराज के कुंभ मेले में पहुंचे। जिनका स्वागत हवाईअड्डे पर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने संगम नोज पर गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की औऱ खास बात तो है कि राष्ट्रपति कोविंद कुंभ आने वाले देश के दूसरे राष्ट्रपति हैं। उनके पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1953 में कुंभ मेले आए थे और संगम में पुण्य की डुबकी लगाई थी।

वहीं रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुंभ आस्था का चुम्बक है जो लोगों को अपनी ओर खींच लाता है। संगम में पुजारी दीपू मिश्रा ने 21 बटुकों के साथ राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विधि विधान से पूजा अर्चना कराई। राष्ट्रपति कोविंद गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के विहंगम दृश्य को देखकर अभिभूत हो गए। उन्होंने करीब आधा घंटे तक गंगा और यमुना में सैर की।

अरैल घाट पर तीन दिवसीय `गांधीवाद पुनरूत्थान शिखर सम्मेलन` का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने कहा "यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद मुझे कुंभ मेले में मोक्षदायनी गंगा के पावन तट पर आने का अवसर प्राप्त हुआ" और कुंभ एक बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के मिलन का महोत्सव है। कुंभ एक अनूठा आयोजन है और विश्व के लिये आकर्षण का केन्द्र है।

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