इलाहाबाद के लेटे हनुमान मंदिर में की जा रही बजरंग बली की विशेष पूजा, जानिए मंदिर की पूरी कहानी

संक्षेप:

  • लेटे हनुमान मंदिर में बजरंग बली की हो रही विशेष पूजा अर्चना
  • बड़ा मंगल के नाम से भी जाना जाता है इस दिन को
  • कुछ ऐसी है लेटे हनुमान मंदिर की पूरी कहानी

इलाहाबाद: ज्येष्ठ महीने के पहले मंगल पर आज संगम नगरी इलाहाबाद में लेटे हनुमान मंदिर में बजरंग बली विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। इस दिन को बड़ा मंगल के नाम से भी जाना जाता है।

बड़े मंगल के पावन पर्व पर संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ जुटी हुई है। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार को हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बड़ा मंगल पर संगम स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर समेत दूसरे मंदिरों में आज भव्य श्रृंगार कर विशेष आरती की जायेगी। 

ज्येष्ठ महीने के पहले मंगलवार को हनुमान मंदिर को ख़ूबसूरती से सजाया गया है तो वहीं ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोग आज के दिन बजंरग बली निशान चढ़ाने के लिये पहुंच रहे हैं । बड़े हनुमान मंदिर के महंत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी का कहना है कि इस बार ज्येष्ठ माह के बीच में अधिक मास भी लग जायेगा। जिससे इस साल ज्येष्ठ माह में नौ मंगलवार होंगे। इस वजह से इस साल के ज्येष्ठ माह में मंगलवार के दिन की गयी हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी और मंगलकारी होगी।

ये भी पढ़े : श्रीकेदारनाथ के कपाटोद्घाटन की तिथि व समय हुई तय, 6 मई को सुबह ठीक इतने बजे खुलेंगे कपाट


यही वजह है कि संगम किनारे लेटे हनुमान मंदिर में सुबह से भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है जो रात तक जारी रहेगा। शाम के इस मंदिर में हनुमान जी की आज विशेष आरती और पूजा होगी।

लेटे हनुमान मंदिर की पूरी कहानी...

यह पूरी दुनिया मे इकलौता मन्दिर है, जहां बजरंग बलि की लेटी हुई प्रतिमा को पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य हनुमान जी के इस दर्शन के बाद ही पूरा होता है। इस मान्यता के पीछे रामभक्त हनुमान के पुनर्जन्म की कथा जुड़ी हुई है। लंका विजय के बाद बजरंग बलि जब अपार कष्ट से पीड़ित होकर मरणा सन्न अवस्था मे पहुँच गए थे। तो माँ जानकी ने इसी जगह पर उन्हे अपना सिन्दूर देकर नया जीवन और हमेशा आरोअग्य व चिरायु रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी इस त्रिवेणी तट पर संगम स्नान पर आयेंगा उस को संगम स्नान का असली फल तभी मिलेगा जब वह हनुमान जी के दर्शन करेगा।

यहां स्थापित हनुमान की अनूठी प्रतिमा को प्रयाग का कोतवाल होने का दर्जा भी हासिल है। आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका विजय के बाद भगवान् राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए।

पवन पुत्र को मरणासन्न देख माँ जानकी ने उन्हें अपनी सुहाग के प्रतिक सिन्दूर से नई जिंदगी दी और हमेश स्वस्थ एवं आरोग्य रहने का आशीर्वाद प्रदान किया। माँ जानकी द्वारा सिन्दूर से जीवन देने की वजह से ही बजरंग बली को सिन्दूर चढाये जाने की परम्परा है।

हनुमान जी की इस प्रतिमा के बारे मे कहा जाता है कि 1400 इसवी में जब भारत में औरंगजेब का शासन काल था तब उसने इस प्रतिमा को यहां से हटाने का प्रयास किया था। करीब 100 सैनिकों को इस प्रतिमा को यहां स्तिथ किले के पास के मन्दिर से हटाने के काम मे लगा दिया था। कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी प्रतिमा टस से मस न हो सकी। सैनिक गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो गये। मज़बूरी में औरंगजेब को प्रतिमा को वहीं छोड़ दिया।

संगम आने वाल हर एक श्रद्धालु यहां सिंदूर चढ़ाने और हनुमान जी के दर्शन को जरुर पहुंचता है। बजरंग बली के लेटे हुए मन्दिर मे पूजा-अर्चना के लिए यूं तो हर रोज़ ही देश के कोने-कोने से हजारों भक्त आते हैं लेकिन मंदिर के महंत आनंद गिरी महाराज के अनुसार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ साथ पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सरदार बल्लब भाई पटेल और चन्द्र शेखर आज़ाद जैसे तमाम विभूतियों ने अपने सर को यहां झुकाया, पूजन किया और अपने लिए और अपने देश के लिए मनोकामन मांगी। यह कहा जाता है कि यहां मांगी गई मनोकामना अक्सर पूरी होती है।

आरोग्य व अन्य कामनाओं के पूरा होने पर हर मंगलवार और शनिवार को यहां मन्नत पूरी होने का झंडा निशान चढ़ने के लिए लोग जुलूस की शक्ल मे गाजे-बाजे के साथ आते हैं। मन्दिर में कदम रखते ही श्रद्धालुओं को अजीब सी सुखद अनुभूति होती है। भक्तों का मानना है कि ऐसे प्रतिमा पूरे विश्व मे कहीं मौजूद नहीं है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।