बीते 24 घंटे में गंगा-यमुना की रफ्तार हुई तेज, जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की हुई वृद्धि

संक्षेप:

  • बीते 24 घंटे में गंगा-यमुना की रफ्तार हुई तेज।
  • जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की हुई वृद्धि।
  • प्रशासन ने बनाए 15 राहत शिविर व 98 बाढ़ चौकियां।

प्रयागराज. गंगा और यमुना ने बीते 24 घंटे के दौरान ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दोनों ही नदियों के जलस्तर में एक मीटर से ज्यादा की वृद्धि हो गई। दोनों ही नदियों के पानी में  जिस रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है उससे यही माना जा रहा है कि खतरे का निशान बृहस्पतिवार या शुक्रवार तक पार हो जाएगा। नदियों में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रयागराज के लिए एनडीआरएफ की 36 सदस्यीय टीम भी यहां पहुंच चुकी है। बीते दो दिन से गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। नदियों का पानी बढ़ने की वजह से निचले इलाकों में आज काफी अंदर तक बाढ़ का पानी घुस आया। बाढ़ का पानी बढ़ने के साथ ही जिला प्रशासन ने राहत शिविरों की संख्या भी बढ़ाकर 15 कर दी है। इसके अलावा 98 बाढ़ चौकियां भी बना दी हैं। दरअसल मध्य प्रदेश, उत्तराखंड  में हो रही बारिश प्रयागराज वासियों के लिए आफत बन गई है।

गंगा-यमुना के जरिए प्रयागराज पहुंचा बारिश का पानी

बारिश का पानी गंगा और यमुना के सहारे प्रयागराज पहुंच रहा है। जलस्तर बढ़ने से गंगा और यमुना दोनों के ही खतरे का निशान पार करने की संभावना बन गई है। उधर पानी बढ़ने से सलोरी, शिवकुटी, छोटा बघाड़ा, गंगानगर, पितांबर नगर, बेली गांव, गौस नगर, दारागंज, रसूलाबाद, जोंधवल,  गड्ढा कालोनी आदि इलाकों में रहने वाले लोगों के दिलों की धड़कन बढ़ गई है। दहशतजदा लोग जो पहले भी बाढ़ का कहर झेल चुके हैं उन्होंने अपना सामान भी समेटना शुरू कर दिया है। पत्रकार कालोनी में रहने वाली सुषमा ने बताया कि उनके घर के  काफी  करीब पानी पहुंच चुका है। इसी वजह से वह बृहस्पतिवार को घर से जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर जाएंगी।

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प्रयागराज में आया 15 लाख क्यूसेक से अधिक पानी

गंगा के मुकाबले प्रयागराज में यमुना में पीछे से ज्यादा पानी आ रहा है। ललितपुर स्थित माता टीला बांध के कई गेट पिछले कई दिनों से खुले हुए हैं। इस वजह से यमुना की सहायक नदियां केन एवं बेतवा भी उफान पर हैं।

प्रशासन ने बनाए 15 राहत शिविर व 98 बाढ़ चौकियां

प्रयागराज में गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत शिविर की संख्या 10 से  बढ़ाकर 15 कर दी है। 98 बाढ़ चौकिंयों को भी अलर्ट में रहने को कहा गया है। दरअसल मंगलवार की रात नैनी में यमुना का जलस्तर 82.10 मीटर था जो 24 घंटे में एक मीटर बढ़ गया।

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