UP Board Result 2018: विदेशी छात्रों ने छोड़ी थी परीक्षा- डिप्टी सीएम

संक्षेप:

  • परीक्षा छोड़ने वाले विद्यार्थियों पर उप मुख्यमंत्री का बडा़ खुलासा
  • कहा विदेशी छात्र-छात्रओं ने छोड़ी यूपी बोर्ड की परीक्षा
  • इससे पता चलता हैं की प्रदेश में नकल कारोबार कहा तक फैला है

इलाहाबादः माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की परीक्षा में विदेशी छात्रों की क्या दिलचस्पी हो सकती है? और किस तरह से से हो सकती हैं और क्यों हो सकती ये बताया सूबे के डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यूपी बोर्ड परीक्षा छोड़ने वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में दुबई, दोहा, क़तर और नेपाल के `परीक्षार्थी` भी शामिल हैं, जिससे संकेत मिलता है कि राज्य में नकल का कारोबार कहां तक फैला था।

डिप्टी सीएम ने बताया कि इस साल बोर्ड परीक्षाओं के दौरान सरकार की जबर्दस्त सख्ती के कारण लाखों छात्र-छात्राओं का परीक्षा छोड़ना खासा सुर्खियों में रहा। परीक्षा छोड़ने वालों के बारे में जानकारी का बारीकी से विश्लेषण करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। उन्होंने हैरान करने वाला खुलासा करते हुए बताया कि इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडियट की परीक्षाओं में सख्ती की वजह से इम्तेहान छोड़ने वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में 75 प्रतिशत तादाद दूसरे राज्यों और देशों के निवासियों की है।

परीक्षा छोड़ने वालों में सऊदी अरब, दुबई, क़तर, दोहा, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं। इससे जाहिर होता है कि यूपी बोर्ड में नकल माफिया के तार कहां-कहां तक फैले हैं। सरकार इस नेटवर्क को खत्म करेगी। राज्य के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग का जिम्मा भी सम्भाल रहे शर्मा ने बताया कि सरकार ने ठेका लेकर नकल के जरिये परीक्षा पास कराने वाले माफिया का खेल खत्म करने के लिये राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और स्थानीय अभिसूचना तंत्र का प्रभावी इस्तेमाल किया।

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भविष्य में भी परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन बनाने की सरकार की योजना के बारे में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। इससे नकल पर रोक लगाने में बहुत मदद मिली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि की जरूरत होगी। सरकार के पास इतना बजट नहीं है।

ऐसे में यह तय किया गया कि जिन स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और जिनकी चहारदीवारी दुरुस्त होने के साथ-साथ अन्य जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं, केवल उन्हीं को परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा। शर्मा ने आगामी परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगले साल बोर्ड परीक्षा के फार्म भरने वाले कक्षा नौ और कक्षा 11वीं के विद्यार्थियों के लिये आधार कार्ड संलग्न करना अनिवार्य बना दिया गया है।

इससे उनकी पहचान करने और भविष्य में नकल रोकने में मदद मिलने की उम्मीद है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिये सभी मुमकिन रास्तों का अध्ययन किया है। अब दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले या उत्तर पुस्तिकाएं बदलने वाले तत्व अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे।

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