डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा बोले : विश्वविद्यालयों में कुलपति सीधे करेंगे कर्मचारियों की भर्ती

संक्षेप:

इलाहाबाद: राज्य विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। साथ ही शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए भी उच्च शिक्षा विभाग ने हरी झंडी दे दी है। विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती किसी भर्ती संस्था के माध्यम से नहीं होगी, बल्कि सीधे कुलपति कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। यह बात यूपी के डिप्टी सीएम एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही। 

इलाहाबाद: राज्य विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। साथ ही शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए भी उच्च शिक्षा विभाग ने हरी झंडी दे दी है। विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की भर्ती किसी भर्ती संस्था के माध्यम से नहीं होगी, बल्कि सीधे कुलपति कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। यह बात यूपी के डिप्टी सीएम एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही। 


बतौर विशिष्ट अतिथि समारोह में शामिल हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में पहले चरण के तहत कुछ विषयों में शिक्षकों की भर्ती पूरी हो चुकी है। बाकी रिक्त पदों पर भर्ती के लिए उन्होंने अपनी मंजूरी दी है और भरोसा दिलाया कि जल्द ही शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों में सीधे कुलपति कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी होने जा रहा है। इसके बाद विश्वविद्यालय कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि नए शिक्षा सेवा आयोग का गठन जल्द ही होने जा रहा है। इसके तहत बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भर्तियां शिक्षा सेवा आयोग के माध्यम से होंगी, लेकिन नए आयोग का गठन होने तक संबंधित भर्ती संस्थाएं पूर्व की भांति अपना काम करती रहेंगी। डॉ. शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम संशोधित किए जा रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों में 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक समान होगा और 30 फीसदी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अपने हिसाब से तय करेंगे। 

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कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से विद्यार्थी अपने खाते में जमा क्रेडिट के आधार पर एक ही पाठ्यक्रम के अगले वर्ष में दूसरे विश्वविद्यालय में भी प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने प्रदेश स्तर पर एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की बात की। साथ ही बताया कि 2021 से 2023 के बीच ई सुविधा केंद्रों की विश्वविद्यालय से संबद्धता, इंटरनेट, हर विश्वविद्यालय में अकादमिक डाटा बैंक तैयार करने आदि का लक्ष्य है। उन्होंने वर्चुअल लैब पर भी जोर दिया। अंत में मेडल एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि दीक्षांत को शिक्षांत न समझें। यह शुरुआत है। आपने जो शिक्षा प्राप्त की, अब उसे समाज को समर्पित करना है।

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