रेप से आहत आनंद महिंद्रा बोले, रेपिस्टों को फांसी देने के लिए मैं जल्लाद बनने को तैयार

संक्षेप:

  • रेप से आहत हुए आनंद महिंद्रा
  • बोले- रेपिस्टों को फांसी देने के लिए मैं जल्लाद बनने को तैयार
  • कठुआ और उन्नाव रेप के विरोध में पूरे देश में लोगों का गुस्सा उबाल पर है

कठुआ और उन्नाव रेप के विरोध में पूरे देश में लोगों का गुस्सा उबाल पर है. न्याय के लिए देश में लोग जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सबके बीच रविवार को गुजरात के सूरत में एक 9 साल की बच्ची का शव बरामद हुआ था, जिसके शरीर पर 80 से अधिक जख्म के निशान थे. एक दिन बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ रेप की पुष्टि हुई.बच्ची के शरीर पर मिले घावों को देखकर डॉक्टरों ने बताया था कि उसे 7 दिन से ज्यादा समय तक टॉर्चर किया गया है.

इन सबके बीच सोशल मीडिया पर अपने शांत स्वभाव के लिए जाने वाले उद्योगपति आनंद महिंद्रा का गुस्सा भी टि्वटर पर देखने को मिला. सूरत में बच्ची से बलात्कार की ख़बर के मिलने के बाद महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, `वैसे तो जल्लाद का काम कोई नहीं करना चाहता है, लेकिन बच्चियों के बलात्कारियों और हत्यारों की सज़ा-ए-मौत के लिए मैं ये काम करने को तैयार हूं. मैं शांत रहने की भरसक कोशिश करता हूं, लेकिन जब देश में ऐसी घटनाएं होती हैं तो मेरा ख़ून खौल उठता है.`

गौरतलब है कि सूरत में बच्ची का शव छह अप्रैल को क्रिकेट के मैदान के पास झाड़ियों में पड़ा मिला था. इसके बारे में कुछ राहगीरों ने पुलिस को जानकारी दी थी. पांडेसरा थाने के निरीक्षक केबी झाला ने कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार लड़की के शव पर चोट के 86 निशान मिले. निजी अंगों पर भी निशान मिलने से लगता है कि उसे प्रताड़ित किया गया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया. उसका गला घोंट दिया गया.

इस मामले का ब्योरा आज सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन करके सार्वजनिक किया. उन्होंने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 323 और 376 के तहत एवं पॉक्सो कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.

ये भी पढ़े : 20 साल के कॉलेज छात्र ने बनाया रियल एस्टेट क्षेत्र में क्रांति लाने वाला पोर्टल


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Allahabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।