आजमगढ़ पहुंचकर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बढ़ाई अखिलेश यादव की टेंशन

संक्षेप:

पूर्वांचल दौरे पर पहुंचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को एसपी मुखिया अखिलेश यादव के गढ़ में आकर मुसलमानों को बड़ा मैसेज दे गए। उन्होंने यह साफ कर दिया कि अब यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश का मुसलमान किसी राजनीतिक दल के लिए वोट बैंक नहीं बनेगा और राजनीति में हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ेगा।

पूर्वांचल दौरे पर पहुंचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को एसपी मुखिया अखिलेश यादव के गढ़ में आकर मुसलमानों को बड़ा मैसेज दे गए। उन्होंने यह साफ कर दिया कि अब यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश का मुसलमान किसी राजनीतिक दल के लिए वोट बैंक नहीं बनेगा और राजनीति में हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि अब हम न तो ताली बजाएंगे और ना ही सिर्फ वोट करेंगे बल्कि अपने हक के लिए लड़ेंगे। कार्यकर्ताओं की भीड़ से उत्साहित ओवैसी ने एसपी को ना केवल सोशल मीडिया वाली पार्टी करार दिया बल्कि दावा किया कि 2022 में उनका भागीदारी संकल्प मोर्चा यूपी में बड़ा फेरबदल करेगा।

बता दें कि एसपी सरकार के दौरान वर्ष 2016 में आजमगढ़ के निजामाबाद थाना क्षेत्र के खोदादादपुर में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद ओवैसी ने कई बार यहां आने का प्रयास किया था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। एक बार तो उन्हें आजमगढ़-अंबेडकरनगर बॉर्डर से लौटा दिया गया। मंगलवार की सुबह जब वे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे तो उनका दर्द भी छलका। उन्‍होंने कहा कि एसपी सरकार में उन्हें 12 बार पूर्वांचल आने से रोका गया और 28 बार उनका कार्यक्रम निरस्त किया गया।

ओवैसी जब वाराणसी से जौनपुर होते हुए दोपहर करीब 2 बजे आजमगढ़ पहुंचे तो अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की भीड़ से वह उत्साह से भर उठे। उन्होंने एसपी को सोशल मीडिया तक सीमित राजनीतिक दल करार दिया। वहीं, विपक्ष को नसीहत दी कि अब मुसलमान ताली बजाने और वोट देने का काम नहीं करेगा बल्कि उसे हिस्सेदारी चाहिए। ओवैसी ने दो टूक कहा कि देश में जो गुलामी के जेहनियत के लोग हैं। वे कहते हैं कि आप चुनाव मत लड़िये, आप सिर्फ ताली बजाइये और हमें वोट दीजिए। इन्हें समझना होगा कि भारत की राजनीति बदल चुकी है। अब हम अपना हिस्सा चाहते हैं। हम हिस्सेदारी की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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बिहार चुनाव में बीजेपी की मदद के आरोप पर ओवैसी ने कहा कि भारत की राजनीति में कोई लैला है तो मैं हूं, मेरे कई मजनू हैं। बिहार में भी हमारी पार्टी सेक्युलर मोर्चे के साथ थी, जिसकी अगुवाई कुशवाहा कर रहे थे। मेरा मकसद होता है मेरे मोर्चे के लोग जीते। मैं यह क्यों देखूंगा कि कौन जीतेगा कौन हारेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग मोर्चे को चार दिन की बहार कह रहे हैं उन्हें 2022 में पता चल जाएगा। भागीदार संकल्प मोर्चा ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व में बना है और 2022 के चुनाव में बड़ा फेरबदल करेगा।

ओवैसी के तेवर से साफ दिखा कि वह पूर्वांचल में राजनीति का सिक्का जमाने की ठानकर आए हैं। इससे सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष की भी मुसीबत बढ़नी तय है। कारण कि अगर ओवैसी मुस्लिम मतों में सेंध लगा एसपी और और भीम आर्मी के दलित वोटों में सेंध लगाकर बीएसपी का नुकसान करेंगे तो ओमप्रकाश राजभर मतों में सेंध लगा बीजेपी को बैकफुट पर लाने से पीछे नहीं हटेंगे।

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