आजमगढ़ में सीएम योगी ने बताया- अप्रैल में पीएम मोदी जनता को देंगे बहुत बड़ी सौगात

संक्षेप:

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी और गाजीपुर के दौरे के बाद आजमगढ़ पहुंचे। उन्होंने लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया।

आजमगढ़: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी और गाजीपुर के दौरे के बाद आजमगढ़ पहुंचे। उन्होंने लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया।

मुजरापुर में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों के विकास के रास्ते खोलने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अप्रैल महीने में जनता के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। प्रयास है कि 31 मार्च तक मुख्य कैरिजवे को तैयार कर लिया जाए। प्रधानमंत्री स्वयं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिजवे को जनता के लिए समर्पित करेंगे। दुनिया देखेगी कि तीन साल से पहले ही जनता को समर्पित कर देंगे।

हर एक जिले में औद्योगिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। सर्विस लेन और कार्य भी निर्धारित समय पर पूरा कर लिए जाएंगे। इसके साथ ही एक्सप्रेस वे पर ढाई घंटे में लखनऊ और 8 घंटे में दिल्ली के लिए वाहनों का फर्राटा भरना शुरू हो जाएगा। सदर तहसील के मुजरापुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दीर्घ सेतु के निरीक्षण और समीक्षा के बाद उक्ते घोषणा जनसभा में की तो मौजूद लोगों का उत्साह चरम पर पहुंच गया।

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लगभग 10:52 मिनट पर मुख्यमंत्री का चॉपर मुजरापुर में एक्सप्रेस-वे पर बनाए गए हेलीपैड के ऊपर मंडराया। इसके बाद वो सीधे दीर्घसेतु और एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण पर चले गए। इस दौरान मीडिया को यहां से दूर रखा गया। निरीक्षण के बाद एक्सप्रेस-वे पर बने काटेज में सीएम ने कार्यों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की।

समीक्षा के बाद वो सीधे मंच पर पहुंचे और जनता से संवाद करना शुरू किया। उन्होंने एक्सप्रेसवे आजमगढ़ के विकास के रास्ते खोलेगा। सिक्सलेन बनने से लोगों को रोजगार मिलेगा और विकास में काफी तेजी आएगी। नौकरी के लिए यहां से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। रोजगार के लिए लोग यूपी आएंगे। यूपी विकास के नाम पर जाना जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे देश में विकास का माडल बनेगा।

करीब 22,494.66 करोड़ रुपये का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता पर काबिज होने के बाद लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरु करवाया था। इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी है। इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है।

इस परियोजना से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर लाभान्वित होंगे। लखनऊ से बिहार सीमा तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का चलना शुरू होने के साथ ही पूर्वाचल के लोगों का बड़ा सपना पूरा हो जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। एक्सप्रेस वे पर फर्राटा भरने के लिए पूर्वांचल के नौ जिलों के लोगों में ख़ासा उत्साह है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जुड़ने जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे संपूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की रीढ़ साबित होगा। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर- आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कॉरिडोर के साकार होते ही पूरे प्रदेश का परिदृश्य बदला नजर आएगा।

गंगा एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कॉरिडोर को छोड़ दें तो अन्य सभी परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और इनके भी 2022 तक पूरा होने के आसार हैं। सरकार का मानना है कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री के लिए मात्र एक सड़क ही नहीं है, यह दशकों से पिछड़े इस पूरे क्षेत्र में नई उम्मीदों की भी राह है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे व यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के कॉरिडोर से जुड़ जाएगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त  होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।

परियोजना से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास  केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निकट इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लिए भी अवसर सुलभ होंगे।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण ग्रह, मण्डी  तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को  बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास संभव हो सकेगा।

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