अजीत सिंह की हत्या के आरोपी अखंड प्रताप सिंह को आजमगढ़ से भेजा जाएगा बरेली जेल

संक्षेप:

आजमगढ़ के जिला कारागार में बंद चार शातिर अपराधी गैर जनपद स्थानांतरित किए जाएंगे। इसमें अजीत हत्याकांड में नामजद अखंड प्रताप सिंह भी शामिल है।

आजमगढ़: आजमगढ़ के जिला कारागार में बंद चार शातिर अपराधी गैर जनपद स्थानांतरित किए जाएंगे। इसमें अजीत हत्याकांड में नामजद अखंड प्रताप सिंह भी शामिल है। इसके अलावा तीन अपराधी कुख्यात ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू के खास सहयोगी हैं।

शासन ने प्रशासनिक आधार पर इन्हें दूसरे जनपद स्थानांतरित करने का फरमान जारी किया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार पांडेय ने पुलिस महानिदेशक कारागार प्रशासन को भेजे पत्र में जिला जेल में बंद चार विचाराधीन बंदियों को प्रशासनिक आधार पर अन्यत्र जेलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन ने 17 जनवरी को इस बाबत शासन को पत्र लिखा था। इन विचाराधीन बंदियों में अखंड प्रताप सिंह को केंद्रीय कारागार बरेली भेजा जा रहा है।

अखंड प्रताप लखनऊ के अजीत हत्याकांड के अलावा वाराणसी के ट्रांसपोर्टर हत्याकांड में आरोपी है। इसके अलावा संजय यादव को जिला कारागार कासगंज, शिव प्रकाश यादव उर्फ प्रकाश को केंद्रीय कारागार आगरा व मृत्युंजय उर्फ मयंक उर्फ विक्की सिंह को जिला कारागार लखनऊ भेजने का निर्देश है। जिला कारागार में अभी इस स्थानांतरण की सूचना नहीं पहुंची है, लेकिन शासन से पत्र जारी हो चुका है। जेलर श्रीधर ने बताया कि जेल प्रशासन को इसकी सूचना नहीं मिली है। यदि ऐसा कोई निर्देश आता है तो संबंधित बंदियों को संबंधित जनपदों के कारागार में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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अजीत हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम खोलने के अलावा नामजद आरोपी ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह और कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर को लखनऊ लाने में देरी से पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

एक लाख रुपये के इनामी गिरधारी की दिल्ली में नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी हुए सात दिन बीत गए, इसके बाद भी पुलिस ने उसे लखनऊ लाने के लिए बी वारंट लेने का प्रयास नहीं किया, जबकि वाराणसी पुलिस ने तत्काल उसका वारंट लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इसी तरह आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू और अखंड का बी वारंट पुलिस ने 15 जनवरी को ही ले लिया था लेकिन अभी तक दोनों को लखनऊ लाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया। नामजद आरोपियों को लाने और उनसे पूछताछ करके अजीत हत्याकांड की तह तक जाने के लिए पुलिस की तरफ से सक्रिय पहल न होना अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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