बरेली में फ़रहत नक़वी और निदा खान को इस्लाम से खारिज करने का ऐलान

संक्षेप:

  • दो महिलाओं को इस्लाम से खारिज करने का ऐलान
  • जुमे की नमाज में किया गया ऐलान
  • दोनों चलाती हैं अपनी संस्था

बरेली: एक बार फिर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फ़रहत नक़वी और आला हजरत खानदान की बहू निदा खान मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर आ गई हैं।

शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम ने शुक्रवार को हुई जुमे की नवाज के दौरान तकरीर में इस्लाम से खारिज करने की चेतावनी जारी की। निदा और फ़रहत दोनों ही तलाक पीड़ित हैं और दोनों अलग-अलग संस्था चलाती हैं। दोनों मुस्लिम महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ती हैं।

फ़रहत नक़वी का कहना है कि धर्म के ठेकेदार तब कहां चले गए थे, जब महिलाओं को तीन तलाक दिया जा रहा था। जब महिलाओं का हलाला किया जा रहा था। अब जब वो हलाला, 3 तलाक और बहुविवाह के खिलाफ पीड़ित महिलाओं की आवाज उठा रही हैं, तो उन्हें इस्लाम से खारिज करने की धमकी दी जा रही है।

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फ़रहत का कहना है कि वह इन धमकियों से डरने वाली नहीं है। औरतों के हकूक और उनके इंसाफ के लिए लड़ रही हैं। इस्लाम में जुर्म सहना और जुर्म करना दोनों को गुनाह बताया गया है। फरहत पूछती हैं कि ये लोग औरतों का वजूद इस्लाम से खत्म करना चाहते हैं क्या। उन्होंने कहा कि महिलाएं 1937 में बने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नहीं, 1400 साल पहले बने इस्लाम को मानेंगी। हमेशा इन लोगों ने औरतों को दबाकर रखने का काम किया लेकिन आज के समय में महिलाएं जागरूक हो चुकी हैं।

इस मामले में आला हजरत खानदान की बहू निदा खान का कहना है कि इस्लाम किसी का ट्रेडमार्क या कॉपीराइट नहीं है। संविधान ने हमें अपना अधिकार दिया है। उन्होंने सबीना का मामला उठाते हुए कहा कि औरतों को प्रताड़ित करना इन्होंने फैशन बना लिया है। ये लोग सिर्फ अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से वो डरने वाली नहीं।

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