अटल बिहारी वाजपेयी के निधन का समय था दुर्लभ, ज्योतिषाचार्य ने खोले कई राज

संक्षेप:

  • अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार आज
  • अटल बिहारी वाजपेयी के निधन का समय था दुर्लभ
  • ज्योतिषाचार्य ने खोले कई राज

वाराणसी: देश के पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद से पूरा देश उन्हें अपनी सच्ची श्रद्धांजलि दे रहा हैं।  हर तरफ चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी आज अटल जी की कार्यशैली और भाषाशैली को याद कर उन्हें नमन कर रहे हैं। ऐसे में अगर बात की जाए तो उनके देहावसान की घड़ी को काशी के ज्योतिषाचार्य ने शुभ बताया है। ज्योतिष गणना के अनुसार उनका जन्म 7 मूलांक और निधन के समय सयुक्तांक 8 रहा। ऐसा कम ही देखने को मिलता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित हरेंद्र उपाध्याय ने कहा काशी के पूरे नागरिकों की तरफ से अटल बिहारी जी भारत रत्न विभूषित को शत-शत नमन और दुख व्यक्त करते हैं परमपिता परमात्मा से यह प्रार्थना करते हैं कि इस पुण्य आत्मा को दोबारा इस धरती पर भेजें।

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अटल जी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ ज्योतिष के अनुसार 5+2 =7  मूलांक 7 जो चंद्रमा का प्रतीक है बहुत ही तीव्र गति से चलता है और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता हैl 1924 जन्म लेने से संयुक्तांक 8 आ रहा है। जो शनि का अंक है। अब जो पार्थिक शरीर को देख रहे हैं ज्योतिष के अनुसार  16 अगस्त 2018  शाम 5 बजकर = 5 मिनट  पर उस नित्य आत्मा के शरीर को देख रहा हूं ज्योतिष के अनुसार 16,6,1 7 हैं।

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उन्होंने आगे बताया यह भी चंद्रमा का अंक है. चंद्रमा की गति 2 मिलियन किलो मीटर पर सेकेंड है। चंद्रमा बहुत ही आकर्षक बहुत ही इंटेलिजेंट स्वभाव का है यह सारी चीजें इस दिव्य आत्मा में परिलक्षित है। 16 अगस्त 2018 संयुक्तांक ज्योतिष अंक विद्या के अनुसार 8 नंबर है।  क्या प्रकृति की विडंबना है कि जिस ने संयुक्तांक 8,मूलांक 7, में आया? क्या लीला उस महात्मा का इस धरा से विधा संयुक्तांक 8 में मूलांक 7 नंबर में  ब्रम्हांड का सबसे बलशाली अंक 8 है।  जो सबसे बलशाली ग्रह का यह अंक शनि का है।

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शनि के कारण इस महान विभूति परिलक्षित होती है उनकी भाषण बहुत ही में धीमी गति होती है। उसी प्रकार जिस प्रकार शनि धीमी गति से चलता है, अटल जी के विचार भी गंभीर, इनका प्रतिभा भी चंद्रमा की तरह, उच्च इनकी वाणी वाणी में बहुत ही आकर्षक थी। ज्योतिष में यह स्थिति बहुत ही रेयर देखने को मिलता है। जब धरा पर आए वह मूलांक 7,संयुक्तांक 8 जब धरा से वापस दिव्यात्मा विदा हो  गए। वह मूलांक 7,संयुक्तांक 8  हो यह मेल कैलकुलेशन में आना उस दिव्य आत्मा का आना और विधा होना एक ही मूलांक में  संयोग दुर्लभ होता है जो अटल जी के साथ हुआ।

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