मदरसों में NCERT पाठ्यक्रम पर भड़के आजम खान

संक्षेप:

  • 22 मई को कैबिनेट बैठक में हुआ था फैसला
  • इसे मदरसा सिस्‍टम में दलखअंदाजी बताया
  • सरकार द्वारा दी जा रही सजा बताया  

बरेलीः यूपी में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान योगी सरकार द्वारा मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के फैसले पर भड़क गए हैं. शुक्रवार को रामपुर में उन्‍होंने प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि यह एक हठधर्मी का फैसला है. आजम खान ने कहा कि ऐसा करना पूरे मदरसा सिस्‍टम में दखलअंदाजी करने जैसा होगा. शुक्रवार को रामपुर में आजम खान ने कहा कि प्रदेश सरकार को मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू नहीं करना चाहिए. उन्‍होंने इसे सरकार के द्वारा दी जा रही सजा बताया.

आजम खान ने कहा कि सरकार कुछ मौलवियों को सैलरी देती है. कुछ मदरसों को सरकार की ओर से मदद भी मिलती है. उन्‍होंने इसे ही गुनाह की सजा बताया. उन्‍होंने कहा वो लोग मदद देते हैं तो यह मदद की सजा है. सरकार मदद पर गौर करे कि यह मदद देना सही है या गलत. लेकिन मदरसों की स्‍वायत्‍तता, आजादी पर किसी तरह का कोई कुठाराघात नहीं करना चाहिए. आजम खान ने यूपी की योगी सरकार द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की संभावनाओं पर भी सरकार को घेरा. उन्‍होंने कहा कि असल में इलाहाबाद का नाम अलाहाबाद है. अल्‍लाह का नाम बदलकर भी क्‍या रखेंगे. उस सुप्रीम पावर को सब मानते हैं. योगी जी की अल्‍लाह से इतनी नाराजगी नहीं होनी चाहिए.

बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में 22 मई को कैबिनेट की बैठक में मदरसों में शिक्षा के स्तर में सुधारने के लिए अहम फैसला लिया गया. अब सूबे के मदरसों में दीनियत के अलावा पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की किताबें शामिल होंगी. मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, कंप्यूटर और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम के लिए ये जरूरी था कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इनकी किताबें उपलब्ध कराई जाएं. जानकारी के मुताबिक, ये संशोधन प्रस्ताव राज्य मदरसा बोर्ड ने दिया था.

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इस बैठक में उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी-फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा नियमावली 2016 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. ये संशोधन प्रस्ताव राज्य मदरसा बोर्ड ने दिया था. बोर्ड ने पारंपरिक शिक्षा पद्धति को बदलते हुए मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास किया है. अब मदरसे के छात्र उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे. प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती है. सरकार के इस फैसले के बाद उर्दू के साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में सभी विषयों की पढ़ाई होगी.

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