फिर मोदी सरकार के उलट वरुण गांधी ने रोहिंग्या शरणार्थियों पर दिया बयान

संक्षेप:

  • रोहिंग्या शरणार्थियों के पक्ष में बोले वरुण गांधी
  • बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने लेख के जरिए कहा
  • केंद्रीय मंत्री अहीर और वरुण आमने-सामने

बरेली- पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज बीजेपी के सांसद वरुण गांधी और पार्टी में एक बार फिर मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। वरुण गांधी ने एक अख़बार में लिखे अपने लेख में भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों को न निकालने की वकालत की थी। वरुण गांधी के इस लेख के बाद बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर वरुण गांधी की देशभक्ति पर ही सवाल खड़े करते हुए कहा है कि ``जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा, जब म्यांमार की सरकार उन्हें रखने को तैयार नहीं है तो हम क्यों रखेंगे``।

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपने लेख में कुछ पुराने उदाहरणों और अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने इसके लिए परंपरा का तर्क भी दिया है। उन्होंने कहा कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की परंपरा का पालन करते हुए रोहिंग्याओं को शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।

रोहिंग्याओं पर वरुण के यह नरमी पार्टी और सरकार को रास नहीं आई। केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने तो यहां तक कह डाला कि कोई भी देशभक्त ऐसा नहीं कह सकता। अहीर ने कहा, `जो देशभक्त होगा...जो देश के हित में सोचेगा वह इस तरह का बयान कभी नहीं देगा।` जाहिर है कि वरुण को अपने इस स्टैंड के लिए पार्टी को जवाब देना पड़ सकता है। हालांकि बीजेपी की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है। यह भी माना जा रहा है कि पार्टी में अपनी कथित उपेक्षा से वरुण नाराज चल रहे हैं। इस लेख को उनकी नाराजगी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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वरुण ने इस मुद्दे को लेकर कुछ सुझाव भी सामने रखे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को एक राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने की जरूरत है जो उत्पीड़न से भागने वाले और गरीबी से भागने वाले शरणार्थी के बीच अंतर कर सके। साथ ही जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय असोसिएशनों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

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