सपा-बसपा ने तोड़ा कांग्रेस का ‘गठबंधन का ख्वाब’, अब सीट से ज्यादा वोटिंग प्रतिशत पर पार्टी का ध्यान

संक्षेप:

  • यूपी की सभी सीटों पर कांग्रेस की चुनाव लड़ने की तैयारी
  • सीट से ज्यादा न वोट प्रतिशत बढ़ाने में तैयारी
  • चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं में उत्साह की कमी

उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और आरएलडी गठबंधन में जगह न मिलने के बाद अब कांग्रेस यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे सीट भले ज्यादा न मिलें पर वह अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में सफल रहेगी। प्रदेश कांग्रेस के नेता मान रहे हैं कि गठबंधन में चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को ज्यादा फायदा होता और सपा व बसपा के फैसले से उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। आपको बता दें कि 12 जनवरी को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अगला लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने का ऐलान किया था।

कांग्रेस को तब तक यह उम्मीद थी कि इस गठबंधन में उसे भी जगह मिल सकेगी। अब कांग्रेस राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अकेले उतरने या फिर छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐलान कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा जाएगा। इसी तैयारी के तहत राहुल गांधी अगले महीने राज्य में 13 सभाएं करने जा रहे हैं। लेकिन इस घोषणा के बावजूद उत्तर प्रदेश से जुड़े कांग्रेस नेताओं में उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है।

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इस पर कांग्रेस सासंद ने कहा कि यह बात सच है कि अगर सपा-बसपा के साथ कांग्रेस कुछ चुनिंदा सीटों पर चुनाव लड़ती तो हमारे लिए चीजें आसान होतीं, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि सभी सीटों पर लड़ने से पूरे प्रदेश में संगठन में नयी जान आ सकती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद जमीन पर स्थिति बहुत बदली है। जो लोग हमें कमतर आंक रहे हैं, वह कुछ महीनों बाद गलत भी साबित हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि कुछ हफ्ते पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को ‘हराने की बात करने वाले’ अब उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को कमतर आंकने की गलती कर रहे हैं। प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के नतीजे चौंकाएंगे। मैं इतना यकीन से कह सकता हूं कि महिलाएं, युवा और किसान कांग्रेस के पक्ष में खड़े हो रहे हैं। वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो फिलहाल की स्थिति में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने वोट प्रतिशत में इजाफा जरूर कर सकती है, लेकिन 2009 की तरह किसी परिणाम की संभावना बहुत कम है।

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