बरेली के पांच मरीजों में इंसेफेलाइटिस की पुष्टि, अलर्ट

संक्षेप:

  • दो मरीज लखनऊ में करा रहे इलाज
  • डॉक्टर्स को सजग रहने के निर्देश दिए
  • जेई अलर्ट के बाद एक्शन मोड में हॉस्पिटल

बरेलीः बरेली में जापानी इंसेफेलाइटिस के फ‌र्स्ट स्टेज के पांच मरीजों की पहचान हुई है. इनका इलाज लखनऊ केजीएमसी व अन्य हॉस्पिटलमें चल रहा है. पिछले दिनों बुखार आने पर इनमें से तीन पेशेंट को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जिनका ब्लड सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था. जबकि दो पेशेंट इलाज कराने सीधे लखनऊ पहुचं गए थे. रिपोर्ट में पाया गया कि सभी पेशेंट एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम `एईएस` से पीडि़त हैं. इसे जेई की शुरुआत माना जाता है. रिपोर्ट मिलने के बाद बरेली स्वास्थ्य महकमा के होश उड़ गए. डीएम ने तत्काल अलर्ट जारी करते हुए डॉक्टर्स को सजग रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, पब्लिक को अवेयर करने के लिए भी कहा है.

जेई अलर्ट के बाद एक्शन मोड में आए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने सुविधाओं से लैस स्पेशल वार्ड बना दिया है. 20 बेड के इस वार्ड में जेई और डेंगू के पेशेंट को भर्ती किया जाएगा. डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीएमओ ने सीएमएस केएस गुप्ता को अलर्ट किया. डॉ. धर्मेन्द्र को नोडल अधिकारी और डॉ. वागीश को भी जिम्मेदारी सौंपी गई. ये डॉक्टर जेई या फिर डेंगू के मरीज आने पर ऑन कॉल हर वक्त मौजूद होंगे. सभी बेड पर मच्छरदानी भी लगाई गई है. वार्ड में मरीजों को दवा के साथ अन्य मिलने वाली सुविधाएं भी अर्जेट तौर पर उपलब्ध होंगी. हॉस्पिटल ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है.

दो मरीज लखनऊ में करा रहे इलाज

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


स्वास्थ्य विभाग की माने तो तीन मरीजों का सेंपल बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से लखनऊ निदेशालय लैब को भेजा गया था. जिसमें से तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जबकि दो मरीज नवाबगंज के लखनऊ में इलाज करा रहे हैं उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने बताया कि जेई और एईएस के पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर निदेशालय संबधित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल को रिपोर्ट भेजता है ताकि स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो सके.

रोग के लक्षण

-अचानक तेज बुखार

-तेज सिदर्द

-शरीर का अकड़ना

-अ‌र्द्ध बेहोशी

-शरीर में झटके लगना

-मिचली व उल्टी आना

-नोट: रोग की सही समय पर जांच व इलाज नहीं किया जाए तो इस रोग में मरीज की मौत अथवा किसी अंग से दिव्यांग भी हो सकता है.

बचाव:

-मच्छरों से बचाव को मच्छरदानी और फुल आस्तीन शर्ट पहने

-स्कूल गोइंग बच्चों को जूते मोजे व पूरी आस्तीन की शर्ट पहनाएं

-घरों के आसपास जलभराव न होने दें

-सुअर बाड़ों को घरों के अंदर न बनाए, उनको जालीदार बाड़ों में रखे

-रात में शरीर पर मॉस्कीटो रिपेलेंट क्रीम, सरसों का तेल लगाकर सोएं

-मच्छरों को भगाने के लिए नीम पत्ती का धुआं करें.

-जलभराव वाली जगह पर जला मोबिल, मिट्टी का तेल की कुछ बूंदे डाले

-जल निकास व नालियों को साफ रखें

-किसी में लक्ष्ण पाए जाए तो तुरंत उसे सरकारी हॉस्पिटल ले जाएं

क्या न करें

-रोगी का इलाज सही समय पर सही डॉक्टर से कराएं, इधर-उधर झोलाछाप या फिर नीम हकीम के पास टाइम खराब न करें

-घर में सुअर पालन पशु और बतख पालन न करे

-जलभराव न होने दे

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य बरेली की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles