गंगा-रामगंगा बह रही हैं खतरे के निशान से ऊपर, कई गांवों में है बाढ़ का खतरा

संक्षेप:

  • उत्तराखंड में पहाड़ो पर हो रही बारिश से बढ़ा बाढ़ का खतरा
  • शाहजहांपुर में 24 घंटे में 10 सेमी पानी बढ़ा
  • 60 गावों में आ सकता है बाढ़

बरेली- उत्तराखंड के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से वहां की अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में उफान के बाद नरौरा बैराज से शनिवार रात 83975 क्यूसेक पानी पास कर दिया गया। इस बीच, जनपद और आसपास के मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश के असर से कलान तहसील के भैंसार बांध पर गंगा का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 23 सेमी बढ़ गया है। गंगा की सहायक रामगंगा में भी विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा बढ़ जाने से नदियों के करीब बसे 60 से अधिक गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सिंचाई विभाग के सूत्रों का कहना है कि गंगा में छोड़ा जा रहा पानी हजरतपुर (बदायूं) होते हुए सोमवार सुबह तक जनपद की कलान तहसील में गंगा का जलस्तर बढ़ा सकती है। हालांकि सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने जिले में अभी बाढ़ की स्थिति से इनकार करते हुए कहा कि नदियों के जलस्तर की लगातार निगरानी कराने के साथ किसी भी विषम स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।

गंगा और रामगंगा के साथ शहर के समीप बहने वाली गर्रा और खन्नौत नदियों में भी पानी बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटों में 10 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है, बाढ़ की आशंका में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष को पीलीभीत के ड्यूनी डाम से गर्रा में 1365 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली है। पानी का यह बहाव बीते दो दिन की तुलना में ज्यादा होने से गर्रा और खन्नौत का जलस्तर पिछले 24 घंटे में करीब दस सेमी बढ़ा है, लेकिन यह दोनों नदियां भी खतरे के निशान से काफी दूर हैं।
सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले के मैदानी क्षेत्रों में गत एक सप्ताह के दौरान हुई 34 मिमी बारिश के असर से दोनों नदियां बढ़ी हैं क्योंकि खन्नौत में किसी बैराज से पानी नहीं आता बल्कि उसमें क्षेत्र के बरसाती नाले मिलते हैं।
इधर, पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से यहां अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों में उफान आया तो नरौरा बैराज से शनिवार रात 83975 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इधर, कलान तहसील के भैंसार बांध पर गंगा का जलस्तर 23 सेमी बढ़ गया तो रामगंगा में भी विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा बढ़ गई। इसके चलते दोनों नदियों के करीब तटवर्ती करीब 60 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य बरेली की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles