जानिए क्या था नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज का गामा पहलवान से रिश्ता

संक्षेप:

  • नवाज शरीफ की पत्नी का निधन
  • जानिए गामा पहलवान की नवाज शरीफ की बेगम से क्या था रिश्ता
  • कुश्‍ती के अखाड़े में कभी नहीं हारे गामा पहलवान

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज (68) का कैंसर की वजह से मंगलवार को लंदन में निधन हो गया. उनके आखिरी वक्‍त में नवाज शरीफ पास नहीं थे क्‍योंकि वह भ्रष्‍टाचार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पाकिस्‍तान की जेल में बंद हैं.

पाकिस्‍तान की राजनीति में नवाज शरीफ को जहां मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है वहीं उनकी पत्‍नी कुलसुम की शख्सियत को `साइलेंट पार्टनर` कहा गया. अपनी इस मुकम्‍मल पहचान के अलावा कुलसुम को महान पहलवानों की फेहरिस्‍त में शुमार गामा पहलवान की नातिन के रूप में भी जाना जाता है.

अंग्रेजों के जमाने में गामा पहलवान की धाक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने 52 साल के करियर में अखाड़े के भीतर कभी कोई मुकाबला नहीं हारे. उनको इस वजह से ही सर्वकालिक महान पहलवानों में गिना जाता है. नवाज शरीफ को सियासत में चमकाने में भी गामा प‍हलवान के परिवार का ही हाथ माना जाता है.

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


बिजनेसमैन नवाज शरीफ ने 1980 के दशक की शुरुआत में जब सियासत की दुनिया में उभरे तो कुलसम के मामा यानी गामा पहलवान के बेटों मंजूर हुसैन उर्फ भोलू पहलवान, अकरम उर्फ अक्‍की, आजम पहलवान उर्फ गोगा पहलवान, असलम पहलवान उर्फ अच्चा ने लाहौर समेत पूरे पंजाब में जमकर प्रचार कर उनके पक्ष में माहौल बनाया. दरअसल उस दौर में गामा पहलवान के परिवार की लाहौर में जबर्दस्‍त लोकप्रियता थी. उन्‍होंने उसको नवाज शरीफ के पक्ष में भुनाया.

गामा पहलवान (1878-1960)

गुलाम मोहम्‍मद बख्‍श उर्फ गामा पहलवान को `द ग्रेट गामा` के नाम से भी जाना जाता है. गामा का जन्‍म अमृतसर में एक कश्‍मीरी परिवार में हुआ था. उनके परिवार में पहलवानों को तैयार करने की परंपरा थी. नतीजतन इस परिवार से कई वर्ल्‍ड-क्‍लास पहलवान क्षितिज पर उभरे.

17 साल की उम्र में जब उस वक्‍त के रुस्‍तम-ए-हिंद और सात फीट लंबे रहीम बख्‍श सुल्‍तानी वाला को गामा ने चुनौती दी तो पहली बार वह सुर्खियों में आए. अंग्रेजों के जमाने में उस वक्‍त गुजरांवाला (अब पाकिस्‍तान) के पहलवान रहीम बख्‍श को चुनौती देने वाला कोई नहीं था. पांच फुट सात इंच लंबे गामा के बारे में शुरू में यही कहा गया कि वह रहीम से आसानी से हार जाएंगे. लेकिन जब मुकाबला शुरू हुआ तो घंटों चला और अंत में ड्रॉ रहा.

उसके बाद 1910 आते-आते गामा, रहीम बख्‍श को छोड़कर भारत के लगभग सभी दिग्‍गज पहलवानों को पटखनी दे चुके थे. उस साल उन्‍होंने रहीम बख्‍श को हरा दिया और रुस्‍तम-ए-हिंद बने.

इसके साथ ही उन्‍होंने अमेरिका के डॉ बेंजामिन रोलर, पोलैंड के वर्ल्‍ड चैंपियन स्‍टानिसलॉस जिबाइस्‍को, यूरोपीय चैंपियन स्विट्जरलैंड के जोहान लेम और एक अन्‍य वर्ल्‍ड चैंपियन स्‍वीडन के जेसी पीटरसन को परास्‍त कर दुनिया में धूम मचा दी. इन दिग्‍गज पहलवानों को हराने के बाद वह दुनिया के अपराजेय पहलवान बनकर उभरे. जब उनके सामने कोई चुनौती नहीं रही उसके बाद भी वह किसी न किसी रूप में 1952 तक अखाड़े में उतरते रहे. 1960 में लाहौर में उनका इंतकाल हो गया.

एक बार जब गामा से यह पूछा गया कि उनका सबसे जबर्दस्‍त प्रतिद्वंद्वी कौन था, तो उनका जवाब था- रहीम बख्‍श सुल्‍तानी वाला. मार्शल ऑर्ट के दिग्‍गज ब्रूस ली के बारे में कहा जाता है कि उन्‍होंने कसरत के तौर-तरीके अपनाने में गामा पहलवान से प्रेरणा ली थी.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य बरेली की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles