बरेलीः घर से गायब हुई थी रुबीना, लेकिन जब लौटी तो गीता बनकर

संक्षेप:

  • घर से लापता हुई थी रुबीना, लौटी तो गीता बनकर
  • बरेली में शादी, इलाहाबाद हाईकोर्ट में ली शरण
  • आधार और मेडिकल में निकली 16 की

बरेलीः घर से अचानक चार महीने पहले लापता हुई जिस बेटी को परिजन 16 साल का बता रहे थे, वह बरामद हुई तो 22 साल की युवती के रूप में मिली। केवल उम्र ही नहीं, बल्कि मजहब, नाम और पहचान सबकुछ बदला हुआ था। वह गई थी रुबीना के नाम की, लौटी गीता बनकर। यह चौंकाने वाली सच्चाई तब सामने आई जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश पर डीएम ने पूरे प्रकरण की पुलिस से छानबीन कराके रिपोर्ट मंगाई।

युवती की मां ने बेटी के बरामद न होने और उसके साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए प्रशासन और पुलिस के खिलाफ आयोग में शिकायत की थी। डीएम ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर आयोग को जवाब भेज दिया।  मामला विशारतगंज के एक गांव का है। खेतीबाड़ी करने वाले परिवार की बेटी 10 फरवरी को अचानक लापता हो गई थी।

परिजनों ने गांव के ही दूसरे मजहब के एक युवक और उसके परिजन के खिलाफ 16 साल की नाबालिग बेटी का अपहरण करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब तक बेटी बरामद न होने पर लड़की की मां ने आयोग में गुहार लगाई। आयोग के रजिस्ट्रार डॉ. जगन्नाथ पति ने 15 जून को डीएम से जवाब तलब कर लिया। डीएम ने पुलिस से पूरे प्रकरण में छानबीन कर रिपोर्ट मांगी।

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सीओ आंवला ने जांच की। विवेचना में पता चला कि लड़की और गांव के दूसरे मजहब का युवक साथ-साथ लापता हुए थे। करीब एक माह बाद ही इलाहाबाद हाईकोर्ट से पुलिस को दोनों के बालिग होने के चलते गिरफ्तारी न करने का आदेश मिला। दोनों ने फरार होने से एक दिन पहले ही यानी नौ फरवरी को आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी।

20 मई को विशारतगंज पुलिस ने लड़की को बरामद किया। युवती ने खुद अपना नाम बदला हुआ नाम और उम्र 22 साल बताई। मूल विवाह प्रमाण पत्र और आधार कार्ड दिया थी। पुलिस ने परिजन को सूचना दी थी। परिजन और पुलिस की मौजूदगी में मेडिकल कराया गया था।

मेडिकल रिपोर्ट में वह 18 वर्ष से अधिक की निकली। कोर्ट में दिए अपने बयान में उसने माता-पिता के बजाय युवक के साथ जाने बात कही थी। इसी आधार पर उसे युवक के साथ भेज दिया गया था। अब दोनों इलाहाबाद में रह रहे हैं।

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