बरेली में साध्वी कोयल गिरी की इलाज के दौरान मौत

संक्षेप:

  • साध्वी कोयल गिरी की मौत
  • भूमाफियाओं ने जला दिया था जिंदा
  • 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बरेली: जूना अखाड़े की साध्वी कोयल गिरी को शाहजहांपुर के तिलहर में एक सप्ताह पहले भूमाफियाओं ने जिंदा जला दिया था. गंभीर हालत में उन्हें बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां मंगलवार को उनकी मौत हो गई.

साध्वी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि वह शत-प्रतिशत जल चुकी थी. मरने से पहले साध्वी ने माजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा दिए थे. वहीं साध्वी की मां की तहरीर पर तिलहर कोतवाली में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है.

23 नवंबर को तिलहर के मोहल्ला बहादुरगंज निवासी और पीस पार्टी की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी साध्वी सीमा वर्मा दीक्षा लेने के बाद बनी कोयल गिरी संदिग्ध हालातों में  गंभीर रूप से झुलस गईं थी. आनन-फानन में परिजनों ने उनको बरेली के प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया था. यहां  उनकी मौत हो गई.

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इस घटना के बाद साध्वी कोयल गिरी की मां रामलली देवी ने तिलहर कोतवाली में सुशील बाबू गुप्ता, अनिल गुप्ता, पंकज गुप्ता, अनुराग गुप्ता और दौलत गिरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी आरोपियों ने इनकी जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया था. इस वजह से आए दिन ये सभी लोग कब्जा करने के लिए पूरे परिवार को धमकाते थे. रामलली की मानें तो जब कोयल गिरी लखनऊ से वापस अपने घर लौट रही थी. इसी दौरान सभी आरोपियों ने उनको रास्ते में पकड़ लिया और अपशब्द कहते हुए उनके कपड़े फाड़ दिए. इस दौरान उनकी पुत्री ने भागने का प्रयास किया तभी आरोपियों ने मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी, जिससे वह गंभीर रूप से जल जल गई थी.

आपको बता दें कि साध्वी बनने से पहले उनका नाम सीमा था बाद में जब उन्होंने दीक्षा ली तो वो सीमा से साध्वी कोयल गिरी बन गई. उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले लखनऊ में मनकामेश्वर मठ से दीक्षा ली थी. उसके बाद सीमा वर्मा से वह साध्वी कोयल गिरी बन गई थी. उसके बाद वह लखनऊ के मनोकरण मंदिर की साध्वी बन गई.

साध्वी कोयल गिरी 2012 में पीस पार्टी से तिलहर विधानसभा से चुनाव भी लड़ी थी. चुनाव में उनको 6 हजार वोट मिले थे. उस वक्त राजनीति में उनकी अच्छी पहचान बन चुकी थी. लेकिन उसके बाद जमीन के मामले में उनके ऊपर कई धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हुए और उनको कुछ माह जेल भी काटनी पड़ी थी. वहीं साध्वी के परिजनों का कहना की आरोपी काफी रसूख वाले हैं इसलिए पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं करती.

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