खुशखबरीः कल से खत्म हो जाएगी कैश की किल्लत

संक्षेप:

  • कल तक सामान्य होगा सबकुछ-चेयरमैन रजनीश
  • नकदी का कोई संकट नहीं: वित्त राज्यमंत्री
  • कल से खत्म हो जाएगी कैश की किल्लत

देशभर में हो रही कैश की किल्लत पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से बड़ा बयान आया है। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार का कहना है कि एटीएम में नकदी की समस्या का कल तक समाधान हो जाएगा। जिन राज्यों में कमी है वहां नकदी भेजी जा रही है। उन्होंने कहा की यह एक अस्थायी स्थिति है।

रजनीश ने कहा कि संकट वाले राज्यों में दूसरे राज्यों से सप्लाई की जा रही है। हमारे पास कैश पर्याप्त मात्रा में है। आपको बता दें, कल ही रजनीश कुमार का बयान आया था कि स्थिति सामान्य होने में एक हफ्ते का वक्त लग सकता है। रजनीश कुमार का दावा है कि कल से चीजें सामान्य हो जाएंगी और पटरी पर लौट आएंगी।

एक ऐसा विभाग है जो इस तरह की परिस्थितियों पर नजर रखता है। यह नया नहीं है भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रणाली में 500 नोट्स के प्रवाह को बढ़ाने के लिए इंडेंट दिया गया है। वहीं, एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था कि आरबीआई को नोट छपाई में वक्त लगेगा इसलिए नकदी संकट से उबरने में दो हफ्ते का वक्त लग सकता है।

ये भी पढ़े : 20 साल के कॉलेज छात्र ने बनाया रियल एस्टेट क्षेत्र में क्रांति लाने वाला पोर्टल


एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट में जितना कैश का फ्लो होना चाहिए, उसमें 70,000 करोड़ रुपए की अब भी कमी है। ऐसे में नकदी संकट से जूझ रहे देश के कई हिस्सों को राहत कम से कम दो हफ्तों में मिल सकेगी। देश के दर्जन भर राज्यों में नकदी संकट पर वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला का कहना है कि 80 फीसदी एटीएम पैसे से भरे हैं, कुछ लोग जनता को भ्रमित करने के लिए अफवाह फैला रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि नकदी का कोई संकट नहीं है। मैं भ्रम फैलाने वालों से आग्रह करता हूं कि वे इससे बाज आएं। वे अपनी छवि बनाने के लिए लोगों को बरगला रहे हैं। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार ने स्थिति संभालने के लिए 500 रुपए के नए नोट छापने का निर्देश दिया है।

इस बार पांच गुना नोट छापे जाएंगे ताकि संकट जल्दी टले। इसके साथ ही सरकार राज्यों में मांग का विश्लेषण कर रही है। हालांकि आरबीआई अब भी किसी भी संकट से इनकार कर रहा है।

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य बरेली की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।