शिक्षामित्रों का आंदोलन स्थगित, समान कार्य-समान वेतन का मिला भरोसा

संक्षेप:

  • डेढ़ घंटे सीएम योगी  से बात
  • शिक्षामित्रों का धरना स्थगित
  • क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

बरेलीः आर-पार की लड़ाई का मूड में आ चुके शिक्षामित्रों ने फिलहाल प्रोटेस्ट को स्थगित करने का फैसला लिया है। एक घंटे 20 मिनट तक चली सीएम योगी से हुई बातचीत के बाद फैसला लिया गया। तीन दिन बाद सरकार के रुख को देखते हुए शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल सीएम के गठित पैनल से मिलेगा। इसके बाद आगे की रणनीति का फैसला किया जाएगा।

सीएम से हुई बातचीत में क्या हुआ

बातचीत के बाद सीएम योगी ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। जिसमें लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा,प्रमुख सचिव( सूचना) अवनीश अवस्थी, अपर मुख्च सचिव (बेसिक शिक्षा) राज प्रताप सिंह शामिल है। फिलहाल, शिक्षा मित्रों तीन दिनों के लिए धरना स्थगित किया है।

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आश्वासन भी, चेतावनी भी

शिक्षा मित्रों की मांग थी कि समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए। जिस पर सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है।जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा। इस पर शिक्षा मित्र सहमत हो गए। शिक्षा मित्रों के प्रति सरकार की पूरी सहानुभूति है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं कर सकती है। इसलिए बीच के रास्ते की तलाश की जा रही है। इसमें वक्त लगेगा। इसलिए शिक्षा मित्र धरना खत्म कर स्कूलों में पढ़ाएं"।"शिक्षा मित्र उग्र ना हो। अगर किसी ने कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की कोशिश की, तो प्रशासन उससे सख्ती से निपटेगा।

पहले दोपहर 2 बजे होनी थी मुलाकात

सीएम योगी से मुलाकात के लिए शिक्षा मित्रों को दोपहर दो बजे का वक्त दिया गया था। शिक्षा मित्र सीएम आवास पर पहुंचे, आधे घंटे के इंतजार के बाद सीएम आवास से कोई बुलावा नहीं आया। शिक्षा मित्रों को सूचना दी गई कि एनेक्सी में शाम चार बजे मिलेंगे। उसके बाद शिक्षा मित्र पुलिस की जीप में बैठकर एनेक्सी पहुंचे, तब जाकर शिक्षा मित्रों की सीएम योगी से मुलाकात हुई।

तीसरे दिन शिक्षा मित्र की तबीयत बिगड़ी

बुधवार को एक शिक्षा मित्र की तबीयत हार्ट अटैक आने के बाद बिगड़ गयी। इलाहाबाद के रहने मनोज कुमार को प्रशासन ने सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया। फिलहाल उसका इलाज जारी है। इसके अलावा पांच लोगों की तबीयत खराब हो गई। हालांकि धरना स्थल के पास प्रशासन ने 20 एंबुलेंस की व्यवस्था की थी।

प्रशासन ने की थी तैयारी

प्रदेश के विभिन्न जनपदों से राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे तकरीबन डेढ़ लाख शिक्षामित्रों ने बुधवार दोपहर को हजरतगंज थाने में गिरफ्तारी देने की बात कही थी। इसे देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया था। प्रशासन ने पहले से मिली सूचना के आधार पर यूपी के लखनऊ, गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़ और रायबरेली डिस्ट्रिक्ट की लगभग 400 से ज्यादा बसें मंगा ली गई थी। इन बसों को 1090 चौराहे से लेकर फन माल के बीच सड़क के किनारे पर खड़ा कराया गया था। इन बसों से शिक्षामित्रों को शहर से बाहर भेजने की तैयारी थी।

22 अगस्त को क्या हुआ

शिक्षा मित्र मिलने के लिए सीएम योगी से एनेक्सी जाने वाले थे। इस बीच सूचना मिली कि सीएम योगी लखनऊ में नहीं हैं, लिहाजा मुलाकात नहीं हो पाई। शिक्षा मित्र दिनभर धरना स्थल पर बने रहे। लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने उनसे मुलाकात की। सीएम से बात कराने का आश्ववासन दिया था। जिसके बाद बुधवार को सीएम योगी से मुलाकात हो पाई। यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर 1 अगस्त 2017 से 10 हजार रुपए नया मानदेय देने का फैसला किया है। शिक्षा मित्रों को मौका देते हुए अक्टूबर में टीईटी की परीक्षा आयोजन किया जाएगा। इसके लिए यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। शिक्षा मित्रों को उनके अनुभव के हिसाब हर साल 2.5 अंक वेटेज के तौर पर दिए जाएंगे, जिसे अधिकतम 25 अंक तक रखा गया है। इस संबंध में यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है।

21 तारीख को क्या हुआ

यूपी भर से 1.25 लाख शिक्षा मित्र अपनी मांगों को लेकर सोमवार को लखनऊ के लक्ष्मण मैदान में धरना देने आए थे। देर रात शिक्षा मित्रों से कोई सरकार का नुमांइदा और ना ही अधिकारी मिलने के लिए आया। इस पर शिक्षा मित्रों ने कहा था, " अपनी मांगों को पूरा कराए बगैर राजधानी लखनऊ नहीं छोड़ेंगे,चाहे इसके लिए कोई कीमत क्यों ना चुकानी पड़े।"

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

यूपी में असिस्टेंट टीचर के पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट के फैसले में कहा गया कि 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से समायोजित हुए 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्रों की असिस्टेंट टीचर के पद पर हुई नियुक्ति अवैध है। वहीं, सभी 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को दो साल के अंदर टीईटी एग्जाम पास करना होगा। इसके लिए उन्हें दो साल में दो मौके मिलेंगे।

बता दें, 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से 22 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी एग्जाम पास कर रखा है। ऐसे में यह फैसला उनके ऊपर भी लागू होगा। साथ ही इन दो सालों में टीईटी एग्जाम पास करने के लिए उम्र के नियमों में भी छूट दी जाएगी। जस्ट‍िस एके गोयल और ज‍स्ट‍िस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।

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