बरेली में सड़क बनाने वाले ठेकेदारों को पीएम आवास बनाने का दिया गया टेंडर

संक्षेप:

  • पीएम आवास योजना की टेंडर में मनमानी
  • सड़क बनाने वाले ठेकेदारों को दिया गया टेंडर
  • बीडीए सब कुछ ठीक ठाक होने की कह रहा बात

बरेलीः प्रधानमंत्री आवास योजना की टेंडर प्रक्रिया में मनमानी कर सड़क बनाने वाले ठेकेदारों को आवास बनाने का काम दे दिया है। कुछ ठेकेदारों ने ही इसकी शिकायत शासन से कर दी है। उधर, बीडीए अफसर सब कुछ ठीक ठाक बताने का प्रयास कर रहे हैं। नई सरकार ने टेंडर माफियाओं पर भ्रष्ट अफसरों पर अंकुश लगाने को ई-टेंडर व्यवस्था लागू कराई है, लेकिन शातिर ठेकेदारों और विभागों ने इसका काट निकाल लिया और चहेतों को ही ठेका देना शुरू कर दिया है।

बीडीए ने पिछले दिनों रामगंगा आवासीय योजना परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना में 144 मकान बनाने के लिए ई-टेंडर मांगे थे। आरोप है कि बीडीए अफसरों ने अपने चहेते ठेकेदारों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूल करा दी, यही वजह है कि ऑनलाइन आवेदनों में ठेकेदारों में दरें लगभग एक जैसी ही भरी हैं। पिछले माह खोले गए टेंडरों में मुरादाबाद की फर्म विजन ने बी कैटेगरी में 12.65 प्रतिशत नीचे दरें भरी हैं।

संजीव कुमार ने 8.75 प्रतिशत कम दरें भरी तो उनका टेंडर ही खामियां बताकर रद्द कर दिया। वित्तमंत्री और शासन स्तर पर हुई शिकायती पत्र में कहा गया है कि बीडीए ने ई- टेंडर प्रक्रिया में निविदा शुल्क बदल दिया था और डीएम कार्यालय से जारी हैसियत प्रमाण पत्र मानने से इंकार कर दिया।

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जबकि डीएम से जारी हैसियत प्रमाणपत्रों को करोड़ों रुपये के शराब कारोबार में मान्यता दी गई। यानी बीडीए ने जानबूझकर शासन से निर्धारित नियम भी अनदेखा कर दिया है। बताया जाता है कि बीडीए ने सड़क बनाने वाले ऐसे ठेकेदारों से काम कराने की तैयारी की है जिन्हें आवास बनाने का अनुभव ही नहीं है।

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