बहुत दिन नहीं बीते, जब शिक्षक विधायक चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी डॉ. संजय मिश्रा समर्थन मांगने बरेली में मौजूद थे
- न्यूज़
- Friday | 4th December, 2020

बरेली,जेएनएन।
तब सपा नेताओं ने पूछ लिया था कि इससे पहले शिक्षक विधायक हमारे बीच कब आए।
ये टीस नामांकन के वक्त बरेली के सपा नेताओं को नजरअंदाज करने से शुरू हुई।
ये सही है कि शिक्षक विधायक चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की जीत की एक वजह पार्टी के शीर्ष संगठन का पूरी ताकत से लगना था लेकिन सपा की हार की एक वजह पार्टी में गुटबाजी भी रही। सपा नेता का पहली बार मताधिकार पाए शिक्षकों में पैठ जमा पाए । सपा को इसका खामियाजा मतदान में उठाना पड़ा।
इस शिकस्त के बाद अब समाजवादी पार्टी में घमासान मचने के आसार हैं।
सपा नेता भले ही पूरी ताकत चुनाव में झोंकने की बात कह रहे हो लेकिन दबी जुबान से यह चर्चा शुरु हो गई है कि आपसी गुटबाजी सपा को चुनाव में ले डूबी है।
बीजेपी ने जताया शिक्षकों का आभार बीजेपी के जिलाध्यक्ष पवन शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को मालूम है कि उनकी आवाज भाजपा के प्रत्याशी ही बुलंद कर सकते हैं।

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