बस्ती: कुछ अलग ही है इस दरोगा का केस, एडीजी से अब एसपी पर इस मामले की ज़िम्मेदारी

संक्षेप:

  • हत्या करने के आदेश जारी
  • आशिक मिजाज दरोगा प्रकरण
  • एसपी देवरिया को सौंपी गई यह जिम्मेदारी

बस्ती। आपने हत्या या चोरी के मामले में दरोगा को हत्यारा पकड़ते सुना या देखा होगा. लेकिन यहां तो दरोगा ही हत्या का आरोपी बन कर सामने आया है. दरअसल उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले बहुचर्चित निलंबित दरोगा दीपक सिंह पर पिता की हत्या के आरोप में जेल जाने के आरोपों की जांच का आदेश दे दिया गया है। एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि एसपी देवरिया से इसकी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

ये लगे हैं आरोप

आरोप है कि दरोगा की नौकरी पाने से पहले उस पर अपने पिता प्रभू सिंह की हत्या करने का आरोप लगा था। मगर अदालत से वह बरी किया जा चुका था। एडीजी ने बताया कि बाद में किस तरह से उसे मुकदमे में छुट्टी मिली और दरोगा बन गया, इसकी विभागीय जांच भी कराई जाएगी।

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मूल रूप से गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा थाने के सोनबरसा बाजार का निवासी दीपक सिंह पर आरोप लगा था कि आठ जून 2013 को अपने पिता प्रभू सिंह को मामा के घर चलने के बहाने बाइक से लेकर निकला। दिन भर इधर-उधर टहलाने के बाद रात को हाइवे पर हेतिमपुर के पास लघुशंका करने के बहाने बाइक रोका। वहीं पर उसके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

तफ्तीश के बाद दीपक सिंह ही आरोपी पाया गया

थाना रामपुर कारखाना में मुकदमा अपराध संख्या 879/13 पर तीन अज्ञात के विरुद्घ मुकदमा दर्ज किया गया था। तफ्तीश के दौरान वादी दीपक सिंह ही आरोपी पाया गया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 23 सितंबर 2013 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। बता दें कि उस समय वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था।

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