मोदी सरकार ने राम मंदिर के नाम पर तोड़ा है हिंदुओं का विश्वास: प्रवीण तोगड़िया

संक्षेप:

  • प्रवीण तोगड़िया ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
  • कहा- मोदी सरकार ने हिंदुओं के साथ विश्वासघात किया है
  • अयोध्या विवाद में मध्यस्थता पर सभी पक्ष सहमत नहीं

संत कबीर नगर: राष्ट्रीय किसान परिषद अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राम मंदिर के नाम पर हिंदुओं का विश्वाल तोड़ा है. सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ छलावा किया है. संतकबीर नगर जिला मुख्यालय के भुजैनी में राष्ट्रीय किसान परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम को तोगड़िया संबोधित कर रहे थे.

तोगड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ देश भर के 183 किसान संगठन आवाज उठाएंगे. हम किसानों की लड़ाई को अपनी लड़ाई समझकर लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह खुद एक किसान परिवार से हैं. मेरी मां ने मुझे दूध बेचकर डॉक्टर बनाया था और मैंने खुद पिता के साथ खेत में हल चलाया है. मैं किसानों का दर्द बखूबी जानता हूं। उन्होंने कहा कि हमें तो देश में राम, किसानों को फसलों के दाम और युवाओं को काम देने वाली सरकार चाहिए.

राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में मध्यस्थता की गुंजाइश अब भी दिख रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दलीलें सुनने के बाद मामले के स्थायी समाधान के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त और निगरानी में मध्यस्थता को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने साफ कहा कि हम अयोध्या जमीन विवाद और इसके प्रभाव को गंभीरता से समझते हैं और जल्दी फैसला सुनाना चाहते हैं. बेंच ने आगे कहा कि अगर पार्टियां मध्यस्थों का नाम सुझाना चाहती हैं तो दे सकती हैं.

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मध्यस्थता पर सभी पक्ष सहमत नहीं

सुप्रीम कोर्ट में हिंदू महासभा ने क्लियर स्टैंड रखा कि मध्यस्थता नहीं हो सकती है. महासभा ने कहा कि भगवान राम की जमीन है, उन्हें (दूसरे पक्ष को) इसका हक नहीं है इसलिए इसे मध्यस्थता के लिए न भेजा जाए. रामलला विराजमान का भी कहना था कि मध्यस्थता से मामले का हल नहीं निकल सकता है. हालांकि निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मध्यस्थता का पक्ष लिया.

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