'तीन हाथ जमीन चाहिए तो वंदे मातरम बोलना होगा': गिरिराज सिंह
- बिहार के बेगूसराय सीट से बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है.
- गिरिराज सिंह ने कहा कि आरजेडी के उम्मीदवार दरभंगा में कहते हैं कि वंदे मातरम मैं नहीं बोलूंगा.
- इसके बाद गिरिराज ने अपना भाषण ख़त्म कर दिया लेकिन निश्चित रूप से भाषण का यह अंश चौंकाने वाला था.
बिहार के बेगूसराय सीट से बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने मंच से मुस्लिम समुदाय के लोगों को चेतावनी देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर कब्र के लिए तीन हाथ जगह चाहिए तो इस देश में वंदेमातरम गाना होगा और भारत माता की जय कहना होगा.
- , .. pic.twitter.com/suSbbb6n6s
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 25, 2019
गिरिराज सिंह ने कहा कि आरजेडी के उम्मीदवार दरभंगा में कहते हैं कि वंदे मातरम मैं नहीं बोलूंगा. बेगूसराय में भी कुछ लोग आकर बड़े भाई का कुर्ता और छोटे भाई का पायजामा पहनकर भ्रमण कर रहे हैं. लेकिन मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि जो वंदे मातरम नहीं गा सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता वो इस बात को याद रखें कि अरे गिरिराज के नाना-दादा सिमरिया घाट में गंगा नदी के किनारे मरे, उसी भूमि पर कोई कब्र नहीं बनाया लेकिन तुम्हें तो तीन हाथ जगह चाहिए. तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा.
ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम
हालांकि जानकारों का मानना है कि गिरिराज इस बार जब नीतीश कुमार के साथ मंच पर होते हैं तब वे सबका साथ सबका विकास और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की बातें करते हैं लेकिन जब वे अपने मंच पर और अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने बोल रहे होते हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर रखने से नहीं चूकते.
इसका दूसरा कारण ये भी बताया जा रहा है कि बेगूसराय में इस बार त्रिकोणीय मुक़ाबला होने के कारण उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया है या उनकी यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा है कि जब तक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं होगा तब तक उनकी जीत का रास्ता आसान नहीं होगा. इसलिए उन्होंने जानबूझकर वंदे मातरम, भारत माता की जय और कब्रिस्तान और कब्र के लिए जमीन का मुद्दा छेड़ा है.
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.