अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए सिरदर्द बनेंगे ओवैसी

संक्षेप:

ओवैसी की एंट्री से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। बीजेपी ने कहा है कि राज्य में केवल राष्ट्रवाद ही रहेगा और अलगाववाद नहीं। एआईएमआईएम ने पिछले साल नवंबर में नगरीय निकाय चुनाव लड़ने का फैसला किया क्योंकि नवंबर 2020 में ही पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग में अपना पंजीयन करवाया था।

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है। वहीं, राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भोपाल में ऑफिस खोला है। स्थानीय निकाय चुनावों में मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रवेश करने के लिए एक ऑनलाइन मोबाइल एप से सदस्यता अभियान शुरू किया है, जिसके जल्द ही आयोजित की संभावना है।

एमपी बीजेपी और आरएसएस का गढ़ है। ओवैसी की एंट्री से प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। बीजेपी ने कहा है कि राज्य में केवल राष्ट्रवाद ही रहेगा और अलगाववाद नहीं। एआईएमआईएम ने पिछले साल नवंबर में नगरीय निकाय चुनाव लड़ने का फैसला किया क्योंकि नवंबर 2020 में ही पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग में अपना पंजीयन करवाया था। चुनाव में उतरने के बीच, पार्टी ने राजधानी भोपाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी सर्वेक्षण किया था और इंदौर-उज्जैन जैसे अन्य शहरों में संभावनाएं तलाश रही हैं।

हाल ही में पार्टी ने जिला कार्यालय में मेंबरशिप ड्राइव शुरू किया है। साथ ही मोबाइल एप लॉन्च किया है, जिससे युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ेगी। एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष ताहिर अनवर ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि 70 सालों से मुस्लिमों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कोई भी दल इस समाज की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। अनवर ने कहा कि एआईएमआईएम एमपी में अपना जनाधार बढ़ा रही है। इसी सप्ताह जनवरी में मेंबरशिप ड्राइव शुरू करेंगे। इसके साथ अल्पसंख्यक बहुल इलाके में हमलोग वर्चुअल मीटिंग भी आयोजित करेंगे। हम लोग अगामी नगरीय निकाय चुनाव में जरूर मैदान में उतरेंगे।

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एमआईएम के इस कदम से प्रदेश की राजनीति गरम है। बीजेपी ने कहा कि नई पार्टी प्रदेश की राजनीति पर कोई असर नहीं डाल सकती है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि एआईएमआईएम कांग्रेस का एक प्रतिबिंब है, जो बिना किसी सफलता के तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है। राज्य की जनता राष्ट्रवाद का समर्थन करती है न कि अलगाववाद का। ओवैसी के पास मध्यप्रदेश में कुछ भी नहीं है। मैं उनसे राष्ट्रीय हित के लिए हैदराबाद में बने रहने का आग्रह करता हूं।

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी कहा है कि राज्य में एमआईएमआईएम कोई प्रभाव नहीं डालेगी। एमआईएमआईएम बीजेपी समर्थक है। इसे `वोट कटवा` पार्टी के रूप में जाना जाता है, जिसे बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतारेगी। एमपी में तुष्टिकरण के नाम पर कभी कोई सफल नहीं हुआ है।

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