भोपाल: किशोरावस्था में शारीरिक-मानसिक बदलाव देख परेशान होने की नहीं समझने की ज़रूरत

संक्षेप:

  • छात्राओं को मिली ख़ास जानकारी
  • किशोरावस्था में सावधानी बरतने की जरूरत
  • विषय था किशोरावस्था में मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य

भोपाल।  किशोरावस्था में युवतियों  में शारीरिक बदलाव होने लगते हैं इस कारण कुछ किशोरिया घबरा जाती हैं लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। बदलाव को समझने की जरूरत है। एक बार बदलाव के बारे में जानकारी मिलने पर कभी तनाव की स्थिति नहीं आती।

चिल्ड्रंस ऑफ इंडिया सेमिनार

गांधीनगर स्थित चिल्ड्रंस ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञों ने यह बात कही. सेमिनार का विषय था किशोरावस्था में मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य। सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राओं के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं के किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक व मानसिक बदलावों पर मार्गदर्शन दिया गया।

ये भी पढ़े : माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने दो परीक्षा केन्द्रों का किया आकस्मिक निरीक्षण


इस संबंध में छात्राओं की समस्याओं और प्रश्नों का उचित निराकरण भी किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल की काउन्सलर डॉ. अर्चना गुप्ता ने कहा कि कई बार शारीरिक बदलाव के कारण छात्राएं तनाव में आ जाती हैं इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है लेकिन इसमें घबराने जैसी कोई बात नहीं है यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

विशेषज्ञ कोमल जग्गी ने छात्राओं को बताया कि इस उम्र में इन बदलावों के क्या कारण हैं और उनसे संबंधित कठिनाइयों का निराकरण कैसे किया जा सकता है। इन निराकरणों से छात्राएं न केवल अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर पाएंगीं बल्कि पढ़ाई में भी उनकी एकाग्रता व रुचि बढ़ेगी वे अपनी प्रतिभा को पहचान कर लक्ष्य निर्धारित कर सकेंगीं और जीवन के हर क्षेत्र में सफल होंगीं।

छात्रों के सवालों के कुछ यूं दिए विशेषज्ञों ने जवाब

कार्यक्रम के प्रारंभ में स्कूल की प्राचार्य प्रिया जैन शर्मा ने स्वागत संबोधन दिया उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में सावधानी बरतने की जरूरत है मन को भटकने ना दें। कार्यक्रम का संचालन एकता वासवानी एवं मीनाक्षी दावानी ने संयुक्त रूप से किया। कॉर्डीनेटर शायना खान द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

शहीद हेमू कालानी शिक्षण संस्थान के सचिव एसी साधवानी ने बताया कि संत हिरदाराम जी के उत्तराधिकारी संत सिद्ध भाऊ की पहल पर हर वर्ष ऐसे व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं ताकि छात्राओं को उचित मार्गदर्शन मिले और वह बिना तनाव के पढ़ाई कर सकें।

 

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.