कांग्रेस के शिविर में बांटी गई किताब पर सियासी संग्राम, आरोप- सावरकर के गोडसे के साथ थे अवैध संबंध

संक्षेप:

  • मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवादल की ओर से स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर बांटी गई किताब पर सियासी संग्राम छिड़ गया है.
  • किताब में दावा किया गया है कि सावरकर के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ अवैध संबंध थे.
  • बीजेपी के सवाल उठाने के बाद अब शिवसेना ने भी मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए इसे सावरकर का अपमान करार दिया है.

भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस सेवादल की ओर से स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर बांटी गई किताब पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। किताब में दावा किया गया है कि सावरकर के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ अवैध संबंध थे। बीजेपी के सवाल उठाने के बाद अब शिवसेना ने भी मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए इसे सावरकर का अपमान करार दिया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सावरकर महान थे और महान रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो उनकी आलोचना करते हैं उनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है। वहीं, हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि ने इसे बेहूदा बताया और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें होमोसेक्शुअल (समलैंगिक) तक बोल दिया।

दरअसल, राजधानी भोपाल (bhopal) में चल रहे अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल (sevadal) के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर ​में बीजेपी, आरएसएस (RSS) और वीर सावरकर (Veer Savarkar) से जुड़े साहित्य को लेकर विवाद हो गया है. इसमें RSS को नाज़ीवादी और फासीवादी बताया गया है. इन तीनों के लिए जो लिखा गया है वो बीजेपी (BJP) को नागवार गुजर रहा है. लेकिन कांग्रेस कह रही है कि यही सच है जो वो जनता को बताएगी.
बीजेपी इस साहित्य को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है, तो कांग्रेस नेता इस साहित्य को सही बता रहे हैं.कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कोई गलत जानकारी सेवा दल के कार्यकर्ताओं को नहीं दी गई.जो सच्चाई है, जो हकीकत है, वही उन्हें बताया जा रहा है. कार्यकर्ता यही जानकारी जनता को देंगे.

भोपाल के बैरागढ़ में कांग्रेस सेवा दल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर गुरुवार से शुरू हुआ. इसमें कार्यकर्ताओं को बीजेपी, आरएसएस और सावरकर से जुड़ा साहित्य बांटा गया.`आरएसएस और बीजेपी, कुछ तथ्य और जानकारी` और दूसरी किताब वीर सावरकर कितने वीर ? बांटी गयीं. इनमें बताया गया कि आरएसएस ने हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा ली है. नेताजी बोस की आजाद हिंद फौज के खिलाफ आरएसएस और हिंदू महासभा की भूमिका का भी जिक्र किया गया.वीर सावरकर के बारे में भी कई विवादित बातें लिखी गयी हैं.

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भोपाल में बांटी गई थी बुकलेट

दरअसल पूरा विवाद कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई किताब के बाद शुरू हुआ। इस बुकलेट पर लिखा है- `वीर सावरकर कितने वीर।` भोपाल में आयोजित 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में इस किताब को बांटा गया, जिसमें महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का भी जिक्र है। किताब में लिखा है कि गोडसे और सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे। सेवादल शिविर में इस तरह की सामग्री बांटने की ख़बर जैसे ही बीजेपी तक पहुंची, पार्टी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, कांग्रेस अपने लोगों को गलत जानकारी, गलत तथ्य पढ़ाती है. वो अपने लोगों को पप्पू बना रहे हैं.संघ तीस या चालीस के दशक में नहीं, 1925 में बन गया था.सभी लोगा राहुलजी की बुद्धि पर चलते हैं.इन्हें सही जानकारी जुटाना चाहिए.उन्होंने आगे कहा सावरकर जी का डाक टिकिट तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जारी किया था. उन्होंने सावरकर को आजादी का योद्धा बताया था.

कांग्रेस के आज के नेता अपनी नेता स्व. इंदिरा गांधी के साथ खड़े हैं.अब कांग्रेस वामपंथियों के साथ खड़ी है.ये कांग्रेस असली कांग्रेस नहीं है.तथ्यों को तोड़कर पेश करती है.इन्हें शर्म करना चाहिए.

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