विकास भवन समेत अन्य विभागों में तैनात अधिकतर बाबुओं की तानाशाही चलती है

बदायूं।

वह बिना सुविधा शुल्क के कोई भी काम करने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

अगर हो भी जाते हैं तो कागजों में इतनी कमियां निकाल देते हैं कि उनको पूरा करने में काफी समय लग जाता है।

हालात यह है कि अपना ही जीपीएफ पाने के लिए कर्मचारी को अपने ही विभाग से अनुमति नहीं मिली।

ऐसे में मजबूरी में आकर कर्मचारी ने आत्महत्या करने की चेतावनी दे डाली।

जब इसकी जानकारी अधिकारियों को मिली तो उन्होंने तुरंत उसकी फाइल मंगाकर स्वीकृति दे दी।

उम्मीद है कि सोमवार को कर्मचारी के लिए जीपीएफ की धनराशि मिल जाएगी। ब्लॉक अंबियापुर में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी प्रमोद कुमार सक्सेना को बच्चों की बीएड की फीस जमा करनी है।

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