चुनाव आयोग की नकेल, पार्षदों के चुनाव में खर्च करने की सीमा हुई निर्धारित

संक्षेप:

सूरजपुर: वर्तमान नगरीय निकाय चुनाव में राज्य सरकार द्वारा कई संशोधन किए गए हैं। इसी क्रम में नगरीय निकायों के महापौर-अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होगा। जिनका चुनाव पार्षद द्वारा किया जाएगा। इससे पार्षदों का चुनाव अति महत्वपूर्ण हो गया है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पार्षद चुनाव में धन-बल को रोकने के लिए व्यय की सीमा निर्धारित की गई है। नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में जिला निर्वाचन कार्यालय सूरजपुर द्वारा तैयारियां जोरों पर है। इसी क्रम में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक सोनी के निर्देशन में निर्वाचन व्यय अनुवीक्षकों की प्रशिक्षणा कार्यशाला 27 नवम्बर को जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित की गई। जिला कोषालय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी निर्वाचन व्यय अनुवीक्षक जीके पटेल द्वारा द्वारा जिला अंतर्गत पांच नगरीय निकाय के निर्वाचन हेतु नियुक्त निर्वाचन व्यय संपरीक्षकों, संलग्न लिपिकों व डाटा इंट्री आपरेटरों तथा प्रत्येक नगरीय निकाय के लिए नियुक्त प्रभारी अधिकारियों को निर्वाचन व्यय अनुवीक्षक के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी के नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की तिथि के एक दिन पूर्व अनिवार्यतः एक पृथक बैंक खाता खोला जाना होगा जिसमें निर्वाचन से संबंधित समस्त व्यय इसी खाते से किए जाएंगे। इसमें नामांकन पत्र क्रय भी शामिल है। इसी प्रकार निर्वाचन से संबंधित समस्त प्राप्तियां जो राजनीतिक दल या अन्य व्यक्ति से प्राप्त चंदे भी शामिल है, उक्त खाते में ही जमा किए जाएंगे। आयोग द्वारा नकद खर्च की सीमा भी निर्धारित की गई है। निर्वाचन के दौरान किसी एक व्यक्ति या फर्म को भुगतान किए जाने वाले राशि 10 हजार से कम हो। 10 हजार से अधिक भुगतान की राशि क्रास चेक, काउंट पेयी चेक से किए जाएंगे। नाम वापसी हेतु अंतिम तिथि से मतदान तिथि के बीच सभी अभ्यर्थियों को अनिवार्यतः दो बार अपने व्यय लेखा संबंधित व्यय संपरीक्षक के पास निरीक्षण हेतु प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थी को अपना व्यय लेखा निर्वाचन की तारीख से 30 दिन के अंदर निर्वाचन व्यय का सारा विवरण मय शपथ पत्र तथा समस्त व्हाउचर को प्रतिहस्ताक्षर कर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास दाखिल किया जाना अनिवार्य होगा। इसमें चूक होने पर अभ्यर्थी को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

नपं के लिए 50 हजार, नपा के लिए व्यय सीमा 1.50 लाख रूपये

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चुनाव में नगर पंचायत के लिए व्यय सीमा 50 हजार रूपये, नगर पालिका परिषद् के लिए 1.50 लाख रूपये नगर पालिक निगम के लिए 3 लाख एवं 5 लाख रूपये निर्धारित की गई है।

झंडे-बैनर से लेकर समोसा व चाय का रेट चार्ट निर्धारित

जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव में प्रयोग होने वाली सामग्री, झंडे, बैनर, बैज के साथ समोसा, चाय, भोजन तथा वाहन के लिए रेट चार्ट निर्धारित किए हैं। इसे अभ्यर्थियों द्वारा उपयोग कि ए जाने पर व्यय लेखा में शामिल करना जरूरी होगा।

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