हरियाणा में ऐसे जेजेपी को अपने पाले में ले आए अमित शाह, हाथ मलती रह गई कांग्रेस

संक्षेप:

  • 25 अक्टूबर को चौंकाते हुए अमित शाह आखिरकार जेजेपी को अपने पाले में ले आए.
  • तस्वीर साफ हो गई कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन की सरकार बनेगी.
  • अमित शाह बाजी मार ले गए और तब तक कांग्रेस इसी गुमान में थी वो हरियाणा में सरकार बना लेगी.

नई दिल्ली: हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई और 24 अक्टूबर को नतीजे आए. हालांकि, जब चुनावी नतीजे आए तो कोई भी पार्टी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई. ऐसे में कुछ महीने पहले बनी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) किंगमेकर की भूमिका में नजर आने लगी. तब सवाल था कि अब हरियाणा में बीजेपी गठबंधन कर सरकार बनाएगी या कांग्रेस. 75 प्लस सीट जीतने का दावा करने वाली बीजेपी को 40 सीटें मिली और वो बहुमत से भी 6 कदम दूर रही, तो वहीं पहले ही हार मान चुकी कांग्रेस ने भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 31 सीटें जीतकर राज्य में अपनी स्थिति को सुधारा. तब जातीय समीकरण को लेकर लगभग ये माना जा रहा था कि किंगमेकर पार्टी जेजेपी किसी भी सूरत में बीजेपी को समर्थन नहीं देगी, क्योंकि जेजेपी जाटों की पार्टी मानी जाती है, जबकि बीजेपी गैरजाट राजनीति करती है. ऐसे में माना ये जा रहा था कि हुड्डा जेजेपी और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन लेकर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना सकते हैं. इस तरह कांग्रेस के लिए सब ठीक ही था, लेकिन बाजी मार गए अमित शाह.

सबसे बड़ी पार्टी के साथ सरकार बनाने का दावा

इस बीच चुनावी चाणक्य और कुशल रणनीतिकार कहे जाने वाले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रेस्ट मोड में कहां बैठने वाले थे. चुनावी नतीजों के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला से संपर्क साधा. हालांकि, तब भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भी सभी पार्टियों को एकजुट होकर सरकार बनाने का ऑफर दिया. साथ ही ये भी खबर आई कि हुड्डा की जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला से दो दिन पहले से बातचीत चल रही है. इसके बाद लगने लगा कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बन सकती है. तब बीजेपी ने हरियाणा में सबसे बड़ी पार्टी होने के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.

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गदगद रही कांग्रेस, समीकरण साधने में जुटे शाह

इसके बाद सवाल था कि जेजेपी, बीजेपी के साथ जाएगी नहीं तो बीजेपी के खेमे में कौन-कौन से निर्दलीय विधायक होंगे. इधर चुनाव नतीजे में कांग्रेस अपनी मजबूत स्थिति को लेकर गदगद थी तो वहीं चुनाव नतीजे के बाद से ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एक्शन मोड में नजर आए. नतीजे में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो अमित शाह ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया और हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर समीकरण बैठाने में जुट गए. चुनावी नतीजों के बाद देर रात अमित शाह के आवास पर बैठक हुई और कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने बीजेपी के साथ जाने के लिए हामी भी भर दी.

जेजेपी को अपने पाले में ले आए अमित शाह

25 अक्टूबर को चौंकाते हुए अमित शाह आखिरकार जेजेपी को अपने पाले में ले आए और फिर ये तस्वीर साफ हो गई कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन की सरकार बनेगी. ऐसे में एक बार फिर अमित शाह बाजी मार ले गए और तब तक कांग्रेस इसी गुमान में थी वो हरियाणा में सरकार बना लेगी.

शाह ने 24 घंटे के अंदर ही जुटा लिया बहुमत

एक्शन मोड में रहते हुए 25 अक्टूबर को ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर पार्टी और जेजेपी के बीच सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई. चर्चा के बाद अमित शाह ने रात 9.20 बजे प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए ऐलान किया कि राज्य में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन की सरकार बनेगी और जेजेपी को उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा. इस तरह अमित शाह ने 24 घंटे के अंदर ही बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया और कांग्रेस देखती रही.

सरकार बनाने के लिए आज दावा पेश करेंगे खट्टर

अब जब बीजेपी ने हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, तो आज मनोहर लाल खट्टर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि आज मनोहर लाल खट्टर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, ताकि सरकार बनाने को लेकर दूसरी पार्टी की कोशिशों पर विराम लग जाए, जबकि मंत्रियों को दिवाली के बाद शपथ दिलाई जाएगी. बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 40 बीजेपी ने, 31 कांग्रेस ने, 10 जेजेपी ने और 9 सीट निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.

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