उत्तराखंड में 90 फीसदी मुस्लिम लड़कियां करती हैं स्कूल ड्रॉप

संक्षेप:

  • उत्तराखंड सरकार ने लागू किया नया आंकड़ा 
  • 90 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियां नहीं करती पढ़ाई पूरी 
  • उत्तराखंड में  मुस्लिम आबादी 14 फीसदी

एक तरह केंद्र सरकार लड़कियों को आगे बड़ने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है। देश भर में बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ के नारे लगाते है। सरकार ना जाने कितनी तरह की नई सिक्म लगाती आई है। लेकिन फिर भी देश में कही ना कही आज भी लड़कियों को पढ़ाना मुनासिफ नहीं माना जाता है। ऐसा ही देखने को मिला उत्तराखंड शहर में जहां मुस्लिम महिलाओ की 14 फीसदी है। लेकिन इस आबादी में मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई को लेकर सरकार ने एक नया आंकड़ा जारी किया है। जिसमे बताया गया है कि 90 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियां 12वीं तक अपनी पढ़ाई पूरी नहीं करती है।

उत्तराखंड में अल्पसंख्यक आबादी लगभग सत्रह फीसदी है, जिसमें से मुस्लिम आबादी तकरीबन चौदह फीसदी है। स्कूलों में पहली कक्षा में पढ़ने वाली मुस्लिम लड़कियों की तादाद 62,241 है लेकिन दसवीं तक आते-आते यह सिर्फ़ 12,062 रह जाती हैं। बारहवीं कक्षा तक यह संख्या चिंताजनक रूप से गिरकर सिर्फ 6,797 ही रह जाती है। राज्य में लड़कियों के ड्रॉप आउट की चिंताजनक स्थिति की बात पहली बार सामने नहीं आई है।

जिसके चलते अल्पसंख्यक महकमे के अधिकारियों ने ड्रॉप आउट रोकने के लिए नई योजनाएं बनाने की बात कहीं। इस गंभीर समस्या पर सूबे के अल्पसंख्यक आयोग ने भी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बार फिर गंभीरता से विचार करने के, नई योजनाएं बनाने के दावे तो कर रही है। अब देखना ये होगा की क्या सरकार इस बार भी कुछ ठोस कदम उठाती है या फिर से योजनाएं पन्नों में बंद होकर रह जाएगी।

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