सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला बोल, पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन

संक्षेप:

देहरादूनः परेड ग्राउंड में बड़ी संख्या में पहुंचे शिक्षक और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सातवें वेतनमान की विसंगतियों पर सरकार को घेरा। साथ ही एसीपी की पूर्व की व्यवस्था लागू किये जाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की।

उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा से जुड़े अधिकांश संगठन शुक्रवार को सड़कों पर उतरे। राजधानी में जहां परेड ग्राउंड में कर्मचारी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला, वहीं टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग समेत सभी जिलों में भी सरकार को ताकत दिखाने के लिए धरने प्रदर्शन हुए। देखा जाए तो राज्य में बड़े कर्मचारी आंदोलन का आगाज हो गया है।

सरकार का तर्क है कि राज्य के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि कर्मचारियों की सभी मांगें पूरी की जा सकें। मुख्य संयोजक ठाकुर प्रहृलाद सिंह, संयोजक सचिव रवि पचौरी ने कहा कि सरकार को पूरा मौका दिया गया। सातवें वेतनमान की विसंगति दूर करने, एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू करने की मांग सीएम से लेकर मुख्य सचिव तक से की लेकिन सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले। सरकार को चाहिए था कि वो वेतन-भत्ते तत्काल जारी करने के साथ ही विसंगतियों को दूर किए जाने को मुख्य सचिव के स्तर पर समिति का नये सिरे से गठन करती।

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हड़ताल से व्यवस्थाएं गड़बड़ाई

उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा के शुक्रवार के आंदोलन से प्रदेश में बिजली, पानी की सप्लाई सिस्टम गड़बड़ा गया है। आंदोलन में स्थायी और आउटसोर्स कर्मचारियों के शामिल होने से वैकल्पिक इंतजाम करने में भी दिक्कत हुई है।

लाइनमैन, सब स्टेशन अफसर से लेकर फॉल्ट दूर करने तक का सिस्टम आउटसोर्स पर है। संविदा, उपनल, स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी पावर सप्लाई सिस्टम संभाले रहते हैं। इसी तरह पेयजल में भी स्थायी व आउटसोर्स कर्मचारियों के आंदोलन पर जाने से पूरा सिस्टम ठेकेदारों के भरोसे रहेगा। राज्य में देहरादून समेत कुछ पहाड़ी जिलों में तो सप्लाई सिस्टम ठेकेदारों के पास है। हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल में पूरा सिस्टम स्थायी कर्मचारियों के ही हाथ में है।

प्रमुख मांगें:

पूरी सेवा में हर कर्मी को तीन प्रमोशन

पूर्व की भांति एसीपी का लाभ

चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को तीसरी एसीपी के रूप में 4200 ग्रेडपे

सातवें वेतनमान के तहत सभी वेतन-भत्तों का लाभ

सभी निगमों को सातवें वेतनमान के बकाया एरियर

वेतन विसंगति का निस्तारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हो

उपनल, आउटसोर्स, पीटीसी, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण और तब तक न्यूनतम 15 से 28 हजार तक वेतन भुगतान

यू हेल्थ कार्ड का लाभ राजकीय कर्मचारियों की तरह प्रदेश के शेष सभी कर्मचारियों को दिया जाए आदि।

शिक्षकों व कर्मचारियों को वाहन भत्ते का लाभ

वेतन समिति की पुनर्गठन रिपोर्ट को निरस्त किया जाए

जिला पंचायत कर्मचारियों को राजकीय कर्मचारी घोषित किया जाए

वाहन चालकों के लिए स्टापिंग पैटर्न के तहत प्रोन्नत वेतनमान ग्रेड वेतन व्यवस्था संशोधित करते हुए पूर्व की तरह की जाए

तबादला एक्ट में 50 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी महिला कर्मचारियों को छूट दी जाए

पुरानी पेंशन का लाभ

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